अंतरिम बजट 2019 : पिछले पांच सालों में श्रमिकों की न्यूनतम सैलरी 42 फीसदी बढ़ी

वर्तमान एनडीए सरकार का अंतरिम बजट आज कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने पेश किया। बजट भाषण के दौरान पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान सभी श्रेणियों के श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में भी 42 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जो आज तक सर्वाधिक है।
केन्द्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने की प्रकिया ने रोजगार के अवसरों का विस्तार किया है जो कि ईपीएफओ की सदस्यता में भी दिखता है। दो सालों में लगभग 2 करोड़ नौकरियों पैदा हुई हैं जिससे अर्थव्यवस्था के औपचारिक होने का संकेत मिलता है।
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पीयूष गोयल ने कहा कि 7 वें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया है और न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) को और ज्यादा आकर्षक बनाया गया है। सरकार ने एनपीएस में अपने योगदान को बढ़ाकर 10% से 14% कर दिया है। ग्रेच्युटी के भुगतान की सीमा को रुपये 10 लाख से बढ़ाकर रुपये 20 लाख किया गया है। ईएसआईसी की सुरक्षा पात्रता सीमा भी रुपये 15,000 प्रतिमाह से बढ़ाकर रुपये 21,000 प्रतिमाह कर दी गई है। सभी श्रमिकों के न्यूनतम पेंशन प्रतिमाह 1,000 रुपये तय की गई है। सर्विस के दौरान किसी श्रमिक की मृत्यु होने की स्थिति में ईपीएफओ द्वारा राशि 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये तक सुनिश्चित की गई है। आंगनबाड़ी और आशा योजना के तहत सभी श्रेणियों के कार्मिकों के मानदेय में लगभग 50 % की वृद्धि हुई है।
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