आर्मी मेडिकल कोर के कैप्टन अंशुमन सिंह की शहादत को देश आज भी याद कर रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को उन्हें असाधारण बहादुरी दिखाने के लिए शहादत के बाद कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। यह शांतिकाल में वीरता के लिए दिया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार है।
कैप्टन सिंह को जब कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया तो यह उनके परिवार के लिए उनकी वीरता पर गर्व करने का क्षण था। इस पुरस्कार को ग्रहण करते समय उनकी पत्नी और मां के चेहरे पर गर्व के साथ-साथ दुख भी साफ देखा जा सकता था। उनकी पत्नी स्मृति अपने पति को याद करते हुए बताती हैं कि वह अक्सर कहा करते थे कि ‘मैं साधारण मौत नहीं मरूंगा. मैं सीने पर गोली खाकर मरूंगा।’
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर स्मृति का एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने अपने पति को याद करते हुए बताया कि वे दोनों कैसे एक-दूसरे के हमसफर बने थे।
कैप्टन सिंह की पत्नी ने कहा, ‘‘वह बहुत काबिल थे। वह मुझसे कहा करते थे,‘मैं सीने पर गोली खाकर मरूंगा। मैं ऐसी साधारण मौत नहीं मरूंगा जिसके बारे में किसी को पता ही न चले।’’
कैप्टन सिंह की शहादत की कहानी भी आम नहीं है। कैप्टन सिंह पिछले वर्ष जुलाई में भीषण आग से लोगों को बचाते समय शहीद हो गये थे।
राष्ट्रपति भवन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट साझा कर कहा, ‘‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सेना चिकित्सा कोर, 26वीं बटालियन पंजाब रेजिमेंट के कैप्टन अंशुमन सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र प्रदान किया। अपनी सुरक्षा की परवाह किए बगैर उन्होंने आग लगने की एक बड़ी घटना में कई लोगों को बचाने के लिए असाधारण बहादुरी का परिचय दिया।’’राष्ट्रपति भवन ने कैप्टन सिंह की पत्नी द्वारा कीर्ति चक्र स्वीकार करते हुए एक तस्वीर भी साझा की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पांच जुलाई को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को 10 कीर्ति चक्र प्रदान किए जिनमें से सात पदक मरणोपरांत दिए गए।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा ‘एक्स’ पर पोस्ट किया गया वीडियो विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर तेजी से प्रसारित हो रहा है।वीडियो में गमगीन नजर आ रहीं स्मृति ने अपने पति को याद करते हुए बताया कि कैप्टन अंशुमन और उनके बीच ‘‘पहली नजर में प्यार’’ हुआ और फिर आठ साल तक ‘लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप’ में रहने के बाद उन्होंने शादी की।
स्मृति ने सिंह के साथ बिताए हुए प्यारे पलों को याद करते हुए कहा, ”हम इंजीनियरिंग कॉलेज के पहले दिन मिले थे। एक तरह से यह पहली नजर का प्यार था। एक महीने बाद अंशुमन का सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज में चयन हो गया। वह बहुत मेधावी थे। सिर्फ एक महीने की मुलाकात के बाद हम आठ साल ‘लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप’ में रहे।’’
स्मृति ने कहा, ‘‘फिर हमने शादी करने का फैसला किया लेकिन विवाह के दो महीने के भीतर ही उनकी तैनाती सियाचिन में हो गई। मैंने अंशुमन से 18 जुलाई को बहुत देर तक फोन पर बात की। इस दौरान हमने अगले 50 साल की योजना, अपना एक घर बनाने, बच्चों को जन्म देने और भी बहुत सारी बातें कीं, लेकिन अगले दिन जब मैं सो कर उठी तो मुझे फोन आया कि वह अब नहीं रहे।