भारत के 14वें प्रधान मंत्री Dr. Manmohan Singh, 2004 से 2014 तक अपने नेतृत्व के जरिए देश की राजनीति और अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देने वाले प्रमुख व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते हैं। अपनी दूरदर्शिता और सुधारवादी नीतियों से उन्होंने भारत को वैश्विक मंच पर मजबूत पहचान दिलाई। डॉ. सिंह का व्यक्तित्व सादगी और ईमानदारी का प्रतीक है। राजनीति के उच्च पदों पर रहते हुए भी वे विवादों से दूर रहे। उनकी निष्ठा और शांत स्वभाव ने उन्हें देश और विदेश में समान रूप से सम्मान दिलाया।
एक विद्वान अर्थशास्त्री से प्रधानमंत्री बनने का उनका सफर दिखाता है कि सही सोच और समर्पण से बड़ी से बड़ी चुनौतियों को पार किया जा सकता है। भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में उनका योगदान आने वाली कई पीढ़ियों के लिए एक मार्गदर्शक की तरह कार्य करता रहेगा। उन्होंने न केवल अपनी पार्टी के नेताओं का विश्वास अर्जित किया, बल्कि विपक्षी दलों के साथ भी सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए।
जीवन की शुरुआत और शिक्षा
Dr. Singh का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब के गाह (अब Pakistan में) में हुआ। भारत-पाक विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया। उन्होंने अमृतसर में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। बाद में University of Cambridge से Economics में स्नातक और University of Oxford से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल कर वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने।
आर्थिक सुधारों का अग्रदूत
1991 में जब भारत आर्थिक संकट से जूझ रहा था, P.V. Narasimha Rao सरकार में वित्त मंत्री के रूप में Dr. Manmohan Singh ने अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए थे। उन्होंने Liberalisation, Privatisation और Globalization की नीतियों को लागू कर Indian Economy को एक नई दिशा दी। उनके प्रयासों से भारत ने आर्थिक स्थिरता और विकास की ओर कदम बढ़ाए।
दूसरी पार्टी के नेताओं से संबंध
Manmohan Singh का सौम्य और शालीन स्वभाव उनके राजनीतिक संबंधों की पहचान है। विपक्षी दलों के नेताओं के साथ उनके रिश्ते हमेशा आदर और सकारात्मक रहे थे।
: Atal Bihari Vajpayee जिन्हें उनकी संयमित और सजग नेतृत्व के लिए जाना जाता है, उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह की विद्वता और ईमानदारी की कई बार सराहना की थी। वाजपेयी जी ने उन्हें “गंभीर और समर्पित राजनेता” के रूप में संबोधित किया था।
: प्रधानमंत्री बनने के बाद Narendra Modi ने संसद में Manmohan Singh के अनुभव और योगदान को प्रेरणादायक बताया था। हालांकि उनके कार्यकाल के दौरान वैचारिक असहमति देखने को मिली, लेकिन दोनों के बीच व्यक्तिगत स्तर पर सौहार्दपूर्ण संबंध कायम रहे।
: डॉ. सिंह का राजनीतिक योगदान ऐसा रहा कि Mamata Banerjee, Sharad Pawar और अन्य क्षेत्रीय दलों के नेता भी उन्हें एक भरोसेमंद और सम्माननीय व्यक्ति मानते थे।
प्रमुख योजनाएं
- मनरेगा (MGNREGA) (ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना)
- आधार (AADHAAR) परियोजना की शुरुआत
- भारत-अमेरिका परमाणु समझौता