
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बिहार के भागलपुर में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें मखाना से बनी माला पहनाकर सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में मखाना को ‘सुपरफूड’ बताते हुए कहा, “मखाना आज देश के शहरों में नाश्ते का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। मैं भी 365 दिनों में से 300 दिन मखाना खाता हूं। यह एक सुपरफूड है।”
मखाना: परिचय और उत्पादन
मखाना, जिसे फॉक्स नट या कमल के बीज के रूप में भी जाना जाता है, एक जलीय पौधा है जो मुख्यतः बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में उगाया जाता है। विशेष रूप से दरभंगा और मधुबनी जिलों में मखाना की खेती बड़े पैमाने पर होती है, जिससे यह क्षेत्र विश्व के कुल मखाना उत्पादन का लगभग 80-90% योगदान देता है।
मखाना की खेती कैसे होती है?

मखाना की खेती तालाबों, झीलों और स्थिर जल वाले क्षेत्रों में की जाती है। इसके बीजों को पानी में बोया जाता है, जहां पौधे विकसित होते हैं और पत्तियां सतह पर तैरती हैं। बीजों की परिपक्वता के बाद, उन्हें एकत्रित कर सुखाया जाता है और फिर भूनकर सफेद, फूले हुए मखाने प्राप्त किए जाते हैं।
मखाना के स्वास्थ्य लाभ
मखाना पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जिसमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट शामिल हैं। इसके सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं:
- वजन नियंत्रण: फाइबर की उच्च मात्रा के कारण मखाना लंबे समय तक पेट भरा महसूस कराता है, जिससे वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
- हृदय स्वास्थ्य: कम कोलेस्ट्रॉल और सोडियम सामग्री के कारण, मखाना रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में सहायक है।
- मधुमेह प्रबंधन: मखाना का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- हड्डियों की मजबूती: इसमें मौजूद कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से बचाव करता है।
- एंटी-एजिंग गुण: एंटीऑक्सीडेंट्स की प्रचुरता के कारण, मखाना त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है और चमक बनाए रखता है।
दैनिक जीवन में मखाना का सेवन कैसे करें?
मखाना को विभिन्न तरीकों से अपने आहार में शामिल किया जा सकता है:
- भुना हुआ नाश्ता: हल्के घी या तेल में मखाना भूनकर हल्का नमक और मसाले डालकर स्वस्थ नाश्ते के रूप में सेवन करें।
- मखाना खीर: दूध में मखाना पकाकर उसमें शक्कर या गुड़ मिलाकर स्वादिष्ट खीर बनाई जा सकती है।
- सलाद में शामिल करें: भुने हुए मखाने को सलाद में क्रंची तत्व के रूप में जोड़ा जा सकता है।
- सूप में उपयोग: सूप में मखाना मिलाकर उसकी पौष्टिकता और स्वाद बढ़ाया जा सकता है।
बिहार के विकास में मखाना की भूमिका
मखाना न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि बिहार की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। राज्य सरकार मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों की आय में वृद्धि के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है।