महाराष्ट्र में महायुति की महाजीत, कुछ इस तरह हैं महाराष्ट्र के क्षेत्रवार नतीजे…शरद पवार के गढ़ में भी लगाई सेंध

महाराष्ट्र विधानसभा का बहुप्रतीक्षित चुनाव परिणाम आ गया। 288 सीटों पर आए चुनाव परिणाम ने राजनीतिक पंडितों की भविष्टवाणियों को भी झूठा साबित करते हुए महायुति ने प्रचंड जीत दर्ज़ की। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से महायुति 228, महाविकास अघाड़ी 47 और अन्य 13 सीटें जीतने में सफल रहे। महायुति में बीजेपी ने जहां 132 सीटें जीतीं, वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पहला विधानसभा चुनाव लड़ रही शिवसेना ने 55 सीटें और अजित पवार की एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की।

आइए जानते हैं कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में क्षेत्रवार नतीजे कैसे आए हैं? 2019 के क्षेत्रवार नतीजे कैसे थे? किस क्षेत्र में किसे ज्यादा सीटें आईं और किसे कहां झटका लगा?

महाराष्ट्र में क्षेत्रों की संख्या

देश में उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बाद अगर सबसे ज्यादा कहीं विधानसभा सीटें हैं तो महाराष्ट्र है। 288 विधानसभा सीटों वाला महाराष्ट्र सियासी रूप से पांच क्षेत्रों में बंटा हुआ है। इन क्षेत्रों के आधार पर ही सत्ता के समीकरण बनते और बिगड़ते हैं। इसमें विदर्भ, मराठवाड़ा, पश्चिमी महाराष्ट्र, कोंकण और उत्तर महाराष्ट्र शामिल हैं।

आइए जानते हैं राज्य में क्षेत्रवार नतीजे कैसे हैं…

पश्चिमी महाराष्ट्र: सीटों के लिहाज से पश्चिमी महाराष्ट्र क्षेत्र सबसे अहम माना जाता है। राज्य की कुल विधानसभा सीटों में से एक चौथाई पश्चिमी महाराष्ट्र से आती है। यानी 288 में से 58 सीटें पश्चिमी महाराष्ट्र क्षेत्र की हैं। ये सीटें कोल्हापुर, सांगली, सतारा, पुणे और सोलापुर जिले की हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भारी रही। 2019 के चुनाव में पश्चिमी महाराष्ट्र की कुल 58 सीटों में से शरद पवार के नेतृत्व में एनसीपी ने सबसे ज्यादा 21 सीटें जीती थीं। इस बार शरद पवार के नेतृत्व में एनसीपी को महज 7 सीटें आई हैं, जबकि उनसे अलग हुए अजित पवार गुट को 11 सीटें आई हैं। भाजपा ने 17 सीटें हासिल की थीं जो इस बार बढ़कर 24 सीटें हो गई हैं। कांग्रेस को पश्चिमी महाराष्ट्र में इस बार महज1 सीट आई है, जबकि पिछली बार पार्टी के 10 विधायक यहां से जीते थे।

कोंकण: कोंकण क्षेत्र 75 विधायक चुनकर विधानसभा में भेजता है। कोंकण में पालघर, ठाणे, मुंबई उपनगर, मुंबई शहर, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग जिले आते हैं। इस क्षेत्र को भाजपा-शिवसेना अपना गढ़ बरकरार रखने में सफल रही है। मुंबई और कोंकण क्षेत्र की 75 सीटों में से भाजपा ने सबसे ज्यादा 31 सीटें जीती हैं जो पिछली बार 27 पर थीं। पिछली बार उद्धव के नेतृत्व में शिवसेना को 29 सीटें आई थीं जो इस बार घटकर 11 सीटों पर आ गई है। एकनाथ शिंदे की पार्टी को 22 सीटें आई हैं। एनसीपी ने 6, कांग्रेस ने 4 सीटें जीती थीं जो इस बार क्रमश: 4-3 हो गई हैं। इसके अलावा अन्य को 3 सीट मिली है।

विदर्भ: यह इलाका भी राजनीतिक नजरिए से पार्टियों का भाग्य तय करने में अहम भूमिका निभाता है। विदर्भ में 11 जिले आते हैं, जिसमें अकोला, अमरावती, भंडारा, बुलढाणा, चंद्रपुर, गढ़चिरौली, गोंदिया, नागपुर, वर्धा, वाशिम और यवतमाल शामिल है। 2019 के चुनाव में विदर्भ की कुल 62 सीटों में से भाजपा ने सर्वाधिक 29 सीटें जीती थीं जो इस बार बढ़कर 38 हो गई हैं। कांग्रेस की 15 सीटें थीं जो घटकर 9 हो गई हैं। शरद पवार ने 6 सीटें जीती थीं लेकिन इस बार कोई सीट नहीं मिली है। उद्धव वाली शिवसेना ने 4 सीटें जीती थीं और इस बार भी अपना आंकड़ा बरकरार रखा है। वहीं शिंदे सेना ने 4 सीटें हासिल की हैं।

मराठवाड़ा: महाराष्ट्र का यह क्षेत्र चौथा बड़ा क्षेत्र हैं, जहां से 46 विधायक चुनकर आते हैं। मराठवाड़ा में औरंगाबाद, बीड, हिंगोली, जालना, लातूर, नांदेड़, उस्मानाबाद और परभनी जिले आते हैं। 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के सबसे अधिक 19 विधायक जीते हैं जबकि पिछली बार यह आंकड़ा 16 था। वहीं उद्धव ठाकरे की शिवसेना को 12 सीटें मिली थीं जबकि इस बार 3 सीटें आई हैं। एकनाथ शिंदे ने यहां 13 सीटें जीती हैं। कांग्रेस को 8 सीटें मिली थीं जबकि इस बार 1 पर ही सिमट गई है। इसके अलावा एक अन्य विधायक चुनकर आया है।

उत्तर महाराष्ट्र:सीटों के लिहाज से यह महाराष्ट्र का सबसे छोटा क्षेत्र है लेकिन पार्टियों की कोशिश रहती है कि यहां से अधिक से अधिक सीटें हासिल की जाएं। उत्तरी महाराष्ट्र में अहमदनगर, धुले, जलगांव, नंदुरबार और नासिक जिले पड़ते हैं। इस क्षेत्र में कुल 47 विधानसभा सीटें हैं। 2019 में इस क्षेत्र की कुल 47 सीटो में से भाजपा ने सबसे ज्यादा 16 सीटें हासिल की थीं जबकि इस बार आंकड़ा 20 हो गया है। शरद पवार की एनसीपी ने 13 सीटें जीती थीं जबकि इस बार 1 सीट पर आ गई। अजित पवार की पार्टी को 12 सीटें आई हैं। कांग्रेस ने 7 सीटें जीती थीं और इस बार यह 2 पर है। उद्धव के नेतृत्व में शिवसेना का आंकड़ा 6 से घटकर 0 हो गया है। वहीं एकनाथ शिंदे के 11 विधायक जीतकर आए हैं। 1 सीट पर अन्य को सफलता मिली है।

अब जानते हैं पूरे राज्य के नतीजे के बारे में…

राज्य में 2024 के विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला दो प्रमुख गठबंधनों के बीच रहा। पहला भाजपा शिवसेना और एनसीपी अजित गुट का गठबंधन, जिसकी इस वक्त सरकार है। वहीं, विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना यूबीटी शामिल हैं। नतीजों में 288 सदस्यीय विधानसभा में महायुति को 235 सीटें मिली हैं। भाजपा को सबसे ज्यादा 132 सीटें मिली हैं। भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना को 57 सीटें मिली हैं। वहीं, अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिली हैं। इस तरह इस गठबंधन को कुल 221 सीटें मिलती दिख रही हैं जो बहुमत के आंकड़े 145 से काफी ज्यादा हैं। दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी को 54 सीटें मिली हैं।

2019 का चुनावी समीकरण

वहीं 2019 के विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला दो प्रमुख गठबंधनों के बीच था। पहला भाजपा और शिवसेना का गठबंधन, जिसकी उस वक्त सरकार थी। वहीं, विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस और एनसीपी शामिल थे। जब नतीजे आए तो 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को सबसे ज्यादा 105 सीटें मिली थीं। वहीं, भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना को 56 सीटें आई थीं। इस तरह इस गठबंधन को कुल 161 सीटें मिली थीं, जो बहुमत के आंकड़े 145 से काफी ज्यादा था। दूसरी ओर एनसीपी को 54 सीटें जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं।

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