कोरोना काल में किसानों पर आफत बनकर आए टिड्डियों के दल
कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से किसानों को पहले से ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनकी फसल सही दाम पर नहीं बिक पा रही है, तो कई जगह पर सब्जियों और फलों के सड़ने की वजह से नुकसान उठाना पड़ा है। किसानों की अभी यह समस्या दूर ही नहीं हुई थी कि अब टिड्डियों के हमले (Locust Crisis) ने किसानों की कमर तोड़ दी है। पाकिस्तान से आया टिड्डियों का दल पंजाब (Punjab) , राजस्थान (Rajasthan), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भी प्रवेश कर चुका है। टिड्डियों (Locust Crisis) के दल ने खेतों के साथ ही साथ रिहायशी इलाके में भी प्रवेश कर दिया है। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में टिड्डियों (Locust) के दल ने नुकसान पहुंचाया है। यहां पर टिड्डियों ने हमला (Locust Crisis) बोलकर कई बीघा मक्के की फसल चट कर गए हैं, इससे किसानों को लाखों रुपये की चपत लग चुकी है।
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हालांकि अब कृषि विभाग किसानों को इससे सजग कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी टिड्डियों के हमले (Locust Crisis) को रोका नहीं जा सकता है। सरकार ने तकनीकी प्रयोग करते हुए जीपीएस और गूगल मैपिंग के जरिए टिड्डी दल की निगरानी शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश में टिड्डियों का एक दल झांसी के आसपास देखा गया है। वहीं, राजस्थान और मध्य प्रदेश में टिड्डी दल (Locust Crisis) की वजह से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने किसानों को टिड्डियों के हमले से हुए नुकसान (Locust Crisis) का सर्वे करने के बाद मुआवजा देने का निर्णय किया है। वहीं, केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने राजस्थान में टिड्डी दलों से हो रहे नुकसान (Locust Crisis) को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार सेना के पांच हेलीकॉप्टर के माध्यम से इस दल के नुकसान को रोकने के लिए कीटनाशक का छिड़काव कराए जाने का निर्णय लिया है। दवा का छिड़काव करने के लिए यहां पर विदेश से मशीनें मंगवाई गई हैं।
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टिड्डियों के आक्रमण से लग रहा है जैसे लग गई आग
टिड्डियों (Locust) का झुंड इस समय फसल को ऐसे नुकसान पहुंचा रहा है, जैसे लगता है कि कहीं आग लग गई हो। झुंड (Locust Crisis) की वजह से पंजाब (Punjab) , राजस्थान (Rajasthan), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं। राजस्थान (Rajasthan) में काफी नुकसान पहुंचाने के बाद अब लाखों की संख्या में टिड्डियों का झुंड (Locust Crisis) मध्य प्रदेश के कई जिलों में कहर बरपाने लगा है। मध्य प्रदेश के पन्ना व सतना जिलों में टिड्डियों का दल ने प्रवेश करके फसलों को नुकसान पहुंचाया है।
सोमवार को पन्ना शहर के रिहायशी इलाके में जब टिड्डी दल (Locust Crisis) पहुंचा तो अचानक पुलिस वाहनों के सायरन की आवाजें गूंजने लगीं। शहर में अचानक इस तरह का सायरन बजने के बाद पहले लोग समझें शहर में कहीं पर आग लग गई हैं, जिसे बुझाने के लिए फायर बिग्रेड की गाड़ियां जा रही है। शहर में थोड़ी देर बाद लाखों की संख्या में टिड्डियां रिहायशी इलाकों में मंडराने लगीं, तब पता चला कि टिड्डियों को भगाने के लिए शहर में सायरन बजाया जा रहा है। इसके अलावा पन्ना टाइगर रिजर्व में वनकर्मियों ने भी पेड़ों को बचाने के लिए टैंकर से कीटनाशक का छिड़काव किया। यहां पर इसके बाद भी टिड्डी दल (Locust) ने वनस्पतियों व पेड़-पौधों को व्यापक क्षति पहुंची है। मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि टिड्डी दल से किसानों की फसल को जितना नुकसान (Locust Crisis) हुआ है, उसका आकलन किया जा रहा है। राजस्व और कृषि विभाग का संयुक्त दल बनाकर फसल सर्वे कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन किसानों को अधिक नुकसान (Locust Crisis) हुआ है, उन्हें मुआवजा दिलाया जाएगा।
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आखिर कहां से आया टिड्डी दल
देश में टिड्डियों का दल (Locust Crisis) भारत में पाकिस्तान से आया है। देश में तीन दलों में बंटी टिड्डियां (Locust) अब तक गुजरात (Gujrat) , राजस्थान, पंजाब (Punjab) और मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में हमला कर चुकी हैं। यही नहीं, यहां पर कई सौ बीघा फसल चट करने के बाद अब यूपी में प्रवेश कर गई हैं। यहां पर टिड्डियों ने हमला कर दिया है और सुबह फिर हवा की दिशा में उड़ान भरता है।
अब यह दल लगातार उड़ान भरता जा रहा है। पाकिस्तान (Pakisthan) से आने के बाद टिड्डियों (Locust) का दल टूट कर तीन हिस्सों में बंट गया है। इन दलों में एक दल करीब सवा किमी, दूसरे दो दल करीब साढ़े तीन किलोमीटर परिक्षेत्र में उड़ान भर रहे हैं। माना जा रहा है कि एक किमी क्षेत्र वाले दल में करीब एक करोड़ से भी ज्यादा टिड्डियां हैं।
अगर उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो पहला दल झांसी सीमा से मध्यप्रदेश के छतरपुर से महोबा में प्रवेश कर रहा है। यह दल हवा की दिशा में चला तो फतेहपुर से प्रयागराज की ओर बढ़ा है। वहीं, दूसरा दल बीना के पास देखा गया है, जिसके जालौन (Jalaun) से आकर हमीरपुर (Hamirpur) की ओर बढ़ रहा है। टिड्डियों (Locust) का तीसरा दल जयपुर में देखा गया और यह हवा की दिशा में चलकर आगरा से इटावा, कन्नौज, कानपुर और उन्नाव की तरफ बढ़ रहा है।
उन्नाव में टिड्डियों ने आसीवन और सफीपुर क्षेत्र में किसानों की लाखों रुपये की मक्के की फसल को नुकसान (Locust Crisis) हो गया। इसके बाद अब मथुरा, आगरा, कानपुर, झांसी, इटावा और कन्नौज में भी टिड्डियों का खतरा (Locust Crisis) मंडरा रहा है। अब यहां पर अलर्ट जारी कर दिया गया है।
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अब जयपुर में बढ़ी मुसीबत
कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से जयपुर जहां पहले परेशान था, तो वहीं अब यहां पर मुसीबत बढ़ गई है। पिछले वर्ष तक राजस्थान (Rajasthan) के सरहदी जिलों तक ही सीमित रहने वाला टिड्डी दल का हमला इस बार जयपुर के रिहायशी इलाके तक पहुंच गया है।
सोमवार की सुबह टिड्डियों (Locust) का एक बड़ा झुंड जयपुर (Jaipur) के परकोटा क्षेत्र में बड़ी चौपड़ और आसपास के इलाकों जैसे मुरलीपुरा, जवाहर नगर सहित अन्य क्षेत्रों में देखा गया। यही नहीं, टिड्डी दल के इस हमले को देखकर लोग अपने घरों में लगे पेड़-पौधों को बचाने की जुट गए। बता दें पन्ना और सतना शहर में भी कोरोना वायरस (Coronavirus) का खतरा बढ़ गया है। टिड्डियों (Locust Crisis) के देश में लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए अब बचाव की तैयारी शुरू कर दी गई है।
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि केंद्र सरकार सेना के पांच हेलीकॉप्टर के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों में कीटनाशक का छिड़काव किया गया। उन्होंने बताया कि टिड्डियों (Locust Crisis) के हमले को रोकने के लिए विदेश से सात मशीनें मंगवाई गई हैं। उन्होंने बताया कि 50 मशीन और 800 ट्रेक्टर केंद्र सरकार की तरफ से उपलब्ध कराए जा रहे हैं ।
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इस तरह से किया जा रहा छिड़काव
टिड्डियों के दलों का आक्रमण रोकने के लिए इस समय काम किया जा रहा है। फसल को नुकसान (Locust Crisis) होने के बाद अब कृषि विशेषज्ञ इसमें लिम्डा दवा के छिड़काव की सलाह दे रहे हैं। यही नहीं, पंजाब (Punjab) , राजस्थान (Rajasthan), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कई इलाकों में टिड्डी के प्रकोप को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
हवा की गति के कारण यह दल मध्यप्रदेश की ओर चला गया। कृषि विभाग ने किसानों को फसल की सतत निगरानी करने की सलाह दी है। यही नहीं, कृषि वैज्ञानिकों का दवा है कि 25 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा की दिशा में उड़ने वाला टिड्डी (Locust Crisis) का दल रात में हमला करता है। उन्होंने बताया कि एक टिड्डी दल (Locust Crisis) आठ से दस घंटे में करीब सौ किमी का सफर तय कर सकता है।
एक बार भोजन करने के बाद जब सौ किमी उड़ता है और फिर भूख लगते ही वह दूसरे क्षेत्र में पड़ने वाली फसल को चट कर जाता है।बताया गया है कि टिड्डी दल (Locust) रात में पेड़ और फसलों पर ही बैठता है और फिर सूर्य की पहली किरण निकलते ही फिर उड़ान भरता है।
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