उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अब हिमाचल में भी रेहड़ी, फास्टफू कोर्नर व ढाबा मालिक को काउंटर पर नाम व पहचान दस्तावेज़ लगाना अनिवार्य किया गया है। इस संबंध में शहरी विकास विभाग ने निर्देश जारी कर दिया है। लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को इंटरनेट मीडिया अकाउंट एक्स पर यह जानकारी दी। उन्होने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस संबंध मे लिए निर्णय की पोस्ट भी साझा की। मंगलवार को योगी ने इस संबंध में आदेश जारी किए थे बुधवार को विक्रमादित्य सिंह ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिया।
दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इस नीति के निर्माण के लिए एक कमेटी का गठन किया है, जिसमें मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में कुल सात सदस्यों को शामिल किया गया है। मंत्री विक्रमादित्य सिंह और अनिरुद्ध सिंह को भी इस कमेटी में शामिल किया गया हैं।
कमेटी की पहली बैठक सचिवालय में हुई, जहां कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने जानकारी दी कि राज्य में तहबाजारी नीति के तहत सभी रेहड़ी-फड़ी वालों को आईडी कार्ड जारी किए जाएंगे, जिससे उनकी पहचान स्पष्ट हो सके।
मालूम हो की योगी आदित्यनाथ ने खानपान की सामग्री में मानव अपशिष्ट और गंदी चीजों की मिलावट करने वालों के विरुद्द कठोर कार्यवाही का भी निर्देश दिया है। देश के विभिन्न स्थानों में घटी ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए हिमाचल सरकार ने भी सख्ती शुरू कर दी है। शिमला स्थित राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में विक्रमादित्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश के तर्ज पर यह व्यवस्था यहाँ पर भी लागू कर दी गई है। विशेषकर खाने पीने का समान बेचने वालों के लिए इसे सख्ती से लागू करने का निर्देश सचिव शहरी विकास विभाग को दिया है। शहरी विकास विभाग की बैठक में चर्चा की जा चुकी है। स्ट्रीट वेंडिंग कमेटी गठित की जा चुकी है।
कमेटी के माध्यम से कार्ड बनाए जाएंगे। खाने पीने की सभी रेहड़ी पर गहन जांच व सत्यापन का निर्देश है। इसे खाद्य सुरक्षा एवं विनियमयन विभाग देखेगा। कुछ लोगों ने इस संबंध में कई तरह की शंका भी व्यक्त की है इसलिए भी यह अनिवार्य किया गया है। विक्रमादित्य ने कहा कि एससी/एसटी, विधवा व तलाक़शुदा के अतिरिक्त दिव्यांगजनों को भी बैठने व अपना व्यवसाय चलाने के लिए स्थान देने में प्राथमिकता दी जाएगी।