अंतरराष्ट्रीय पर्यटन गाइड फोडर्स ट्रैवल ने केरल को ‘नो लिस्ट 2025’ में शामिल किया है, जो उन 15 पर्यटन स्थलों की सूची है, जहां पर्यटन के कारण पर्यावरण और स्थानीय समुदायों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। यह पहली बार है जब केरल इस सूची में शामिल हुआ है। इस सूची में केरल को ‘Destination Beginning To Suffer’ यानी “प्रारंभिक रूप से प्रभावित होने वाला गंतव्य” के रूप में दर्शाया गया है।
मुख्य कारण
- अत्यधिक पर्यटन: 2023 में, केरल ने 21.8 मिलियन घरेलू और 6.5 लाख अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का स्वागत किया, जिससे स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र पर दबाव बढ़ा।
- भूस्खलन और पर्यावरणीय क्षति: वायनाड और अन्य क्षेत्रों में हालिया भूस्खलन के कारण बड़ी संख्या में लोगों की जान गई और यह पर्यावरणीय अव्यवस्था का प्रमाण है।
- वेम्बनाड झील की स्थिति: केरल के बैकवॉटर पर्यटन की रीढ़ मानी जाने वाली वेम्बनाड झील पर अतिक्रमण, बाढ़ और अवैध निर्माण का खतरा मंडरा रहा है, जिससे झील सिकुड़ रही है।
- अनियंत्रित विकास: बुनियादी ढांचे का अनियंत्रित विकास प्राकृतिक जल प्रवाह को बाधित कर रहा है, जिससे स्थानीय समस्याएं बढ़ रही हैं।
फोडर्स ट्रैवल की राय
फोडर्स का कहना है कि यह सूची किसी पर्यटन स्थल का बहिष्कार करने के लिए नहीं है, बल्कि उन स्थलों की समस्याओं को उजागर करने का एक प्रयास है जो पर्यावरण और समुदायों पर दबाव डाल रहे हैं। उनका उद्देश्य है कि इन समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए और उनके समाधान के प्रयास किए जाएं।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
केरल के पर्यटन मंत्री ने इस रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए कहा कि यह समस्या गंभीर है और पर्यटन से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने पर्यटन विकास को स्थायी और संतुलित रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
अन्य गंतव्य
इस सूची में जापान के क्योटो और टोक्यो, इटली के एग्रीजेंटो, स्कॉटलैंड नॉर्थ कोस्ट 500 और मैक्सिको के ओआक्साका जैसे स्थान भी शामिल हैं, जो विभिन्न पर्यावरणीय और सामाजिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
निष्कर्ष
केरल को इस सूची में शामिल किया जाना पर्यटन उद्योग के लिए चेतावनी है कि पर्यावरण और स्थायित्व को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।