कर्नाटक के मंच से पीएम मोदी ने राहुल को किया चैलेंज

कर्नाटक के मंच से पीएम मोदी ने राहुल को किया चैलेंज
कर्नाटक लोकसभा चुनावों से ठीक 11 दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी भी चुनावी रण में उतरे और जनता से पार्टी को वोट देने की अपील की। चामराजनगर में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया और राहुल गांधी को चैलेंज किया। जिस क्षेत्र की जनता ने पहले इन्हें(कांग्रेस) को आशीर्वाद दिया था वहां से अपने पुत्र को बलि चढ़ाने के लिए आगे कर दिया, इसका सीधा मतलब है कि अगर एक जगह से भी जीत गए तो परिवार कि राजनीति चलती रहेगी। अगर राहुल गांधी वाकई चैलेंज देना चाहते हैं तो पहले खुद बिना कागज के 15 मिनट बोलकर दिखाएं। कर्नाटक चुनावों में राहुल गांधी जो भी रैलियां कर रहे हैं, उनमें राज्य सरकारी की उपलब्धियां गिनवाएं वो भी बिना कागज का पन्ना पढ़े। उन्होंने कहा कि भारत में वंशवाद की राजनीति ने देश और लोकतंत्र दोनों को बर्बाद करके रखा हुआ है। कांग्रेस पहले भी मंत्रियों के बच्चों को टिकट देते हुए आई थी और इस बार भी रण में मंत्रियों के बेटों को ही तवज्जों दी गई है। 5 सालों में कांग्रेस के शासनकाल में कर्नाटक का बुरा हाल है। कानून की हालत भी खस्ता है, कोई व्यक्ति सुरक्षित नहीं। कर्नाटक में लोकायुक्त भी सुरक्षित नहीं तो एक आम इंसान की क्या बात है? 2005 में जब देश में यूपीए की सरकार थी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब उन्होंने कहा था कि वह हर गांव में 2009 तक बिजली पहुंचा देंगे। उस वक्त यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इस बात को बल दिया था, लेकिन 2014 तक ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि 1 मई को दुनिया में मजदूर दिवस मनाया जाता है, आज मेहनतकश लोगो का दिन है, जिन कामगारों ने देश को विकास की राह पर आगे बढ़ाने में अपना खून पसीना लगाया है, आज का दिन उन्हीं लोगों को मैं समर्पित करता हूं। 12 मई को जनता सिर्फ वोट नहीं करेगी बल्कि एक फैसला सुनाएगी उन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जो देश को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं।
रूस से 40 हजार करोड़ की मिसाइल प्रणाली खरीदेगा भारत
रूस के साथ हवाई रक्षा एस 400 ट्रायम्फ मिसाइल प्रणाली सौदे के लिए भारत की बातचीत अंतिम दौर में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अक्तूबर में नई दिल्ली में होने वाली सालाना शिखर बैठक के पहले इस सौदे पर दस्तखत कर लिए जाएंगे। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद को लेकर कीमत और तकनीक हस्तांतरण के कुछ मुद्दों पर बातचीत फंस रही थी। इन मुद्दों को अब सुलटा लिया गया है। इस मिसाइल प्रणाली की खरीद पर भारत सरकार 40 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। सेना के तीनों अंगों, खासकर वायुसेना ने इन मिसाइलों के प्रोटोटाइप का परीक्षण करने के बाद खरीद प्रक्रिया को अनुमोदित कर दिया था। इसके बाद इस सौदे पर बातचीत अक्तूबर 2015 से शुरू हो गई थी। रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की मंजूरी के बाद अक्तूबर 2016 में गोवा शिखर बैठक में मोदी-पुतिन ने कुल छह एस 400 प्रणाली की खरीद के लिए प्रक्रिया शुरू करने के करार (एमओयू) पर दस्तखत किए थे। बातचीत की प्रक्रिया कीमत के मुद्दे पर फंसने लगी थी। हाल में बेजिंग में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और रूसी विदेश मंत्री सर्गेइ शोइगो के बीच वार्ता में सभी मुद्दे हल कर लिए गए। बेजिंग में ही तय किया गया कि अक्तूबर की शिखर वार्ता के पहले इस सौदे को अमली जामा पहना दिया जाएगा।
पहली बार IPL में शामिल हुआ है ये नियम, बदल सकती है टीमों की किस्मत
आईपीएल में भी अब फुटबॉल की तर्ज पर मिड सीजन खिलाड़ियों का ट्रांसफर हो सकेगा। दुनिया की सबसे लोकप्रिय लीग में यह नियम पहली बार जोड़ा गया है और यह प्रक्रिया 29 अप्रैल से लेकर 10 मई तक चलेगी। मिड सीजन ट्रांसफर में कैप्ड और अनकैप्ड दोनों तरह के खिलाड़ियों को शामिल किया जा सकता है। हालांकि उन्हीं कैप्ड खिलाड़ियों का ट्रांसफर हो सकेगा, जिन्होंने अब तक दो या फिर उससे कम मैच खेले हैं जबकि किसी भी खिलाड़ी का ट्रांसफर तभी हो सकता है जब दोनों टीमों के साथ-साथ खिलाड़ी भी इसके लिए तैयार हो। अगर मिड सीजन ट्रांसफर के नियम के लिहाज से देखें तो इसमें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के मोईन अली, मुंबई इंडियंस के जेपी डुमिनी, सनराइजर्स हैदराबाद के एलेक्स हेल्स, राजस्थान रॉयल्स के इश सोढ़ी और दिल्ली डेयरडेविल्स के संदीप लामिछाने का नाम लिया जा सकता है। आईपीएल के दौरान मिड सीजन ट्रांसफर नियम को एक अच्छी पहल बताया जा रहा है। हर कोई जानता है कि आईपीएल में हर टीम के पास अधिकतम 25 खिलाड़ी होते हैं, लेकिन फ्रैंचाइजी 18-19 खिलाड़ियों को ही मौके दे पाती है। यानि बाकी खिलाड़ी बेंच पर ही बैठकर अपना पूरा सीजन गुजार देते हैं। मिड सीजन ट्रांसफर की मांग पहली बार 2016 में हुई थी। उस वक्त डेल स्टेन को पूरा सीजन बेंच पर बैठकर गुजारना पड़ा था। इसके बाद यह मुद्दा आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के सामने उठा था और रोहित शर्मा ने इसका समर्थन किया था।
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