
केंद्र सरकार ने किसी अपराध में दोषी ठहराए गए नेता के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका का सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया है। दोषसिद्ध, सजा व उसके प्रभाव की अनुपातिकता और तर्कसंगतता के सिद्धांतों का हवाला देते हुए केंद्र ने हलफनामे में कहा आजीवन प्रतिबंध उचित है या नहीं यह मुद्दा संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है।
किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया जाना अयोग्यता का आधार है और यह आधार तब तक कायम रहता है जब तक दोषसिद्ध बरकरार है। ऐसी दोषसिद्धि का प्रभाव निश्चित अवधि तक रहता है। इसलिए दंड का प्रभाव भी निश्चित अवधि तक सीमित करने में कुछ असंवैधानिक नहीं है। केंद्र ने कहा आजीवन अयोग्यता वह अधिकतम सीमा है जो प्रविधानों के तहत लगाई जा सकती है और ऐसी अयोग्यता लगाना निश्चित रूप से संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है।
चार मार्च को होगी सुनवाई
याचिकाकर्ता की मांग के मुताबिक दोषियों के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगाना उचित नहीं होगा। दोषियों के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध की मांग एक प्रकार से कानून के पुनर्लेखन की मांग है जो न्यायिक समीक्षा के क्षेत्राधिकार के बाहर है। मामले में कोर्ट चार मार्च को सुनवाई करेगा।
वकील अश्वनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दोषियों के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग की है। सरकार ने इसी याचिका के जवाब में यह हलफनामा किया है।
उपाध्याय की याचिका का विरोध करते हुए सरकार ने कहा है कि यह कहना एक बात है कि ऐसा अधिकार है लेकिन उस अधिकार को हर चीज में जरूर इस्तेमाल किया जाए यह दूसरी बात होगी। कोर्ट संसद को यह निर्देश नहीं दे सकता कि वह एक निश्चित तरह से कानून बनाए। ऐसा करना कोर्ट के न्यायिक क्षेत्राधिकार में नहीं आता।
केंद्र ने कहा है कि मौजूदा कानून संवैधानिक तौर पर पूरी तरह ठीक है और उसमें कोई खामी नहीं है। आजीवन प्रतिबंध ठीक होगा या नहीं यह तय करना संसद का क्षेत्राधिकार है।
कानूनन दंड तय करते वक्त संसद को अनुपातिकता और तर्कसंगतता पर विचार करना होता है। इसके पीछे का तर्क है कि दंड का अपराध की गंभीरता से संबंध होना चाहिए। उस दंड को भुगतने के बाद व्यक्ति समाज को दोबारा ज्वाइन करने के लिए और सभी अधिकारों का आनंद लेने के लिए स्वतंत्र होता है। बहुत से दंड विधान है जिनमें अधिकारों और स्वतंत्रता पर कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं लेकिन ज्यादातर में यह प्रतिबंध सीमित अवधि के लिए होते हैं।