दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में पिछले दो दिन में अचानक प्रदूषण बढ़ने और पारा गिरने से लोगों की दिक्कतें बढ़ गईं हैं। ठंड की दस्तक के बीचलोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है। यूपी से लेकर पंजाब और हरियाणा तक अधिकतम शहरों में दिन में भी आसमान में धुंध की चादर नजर आ रही है। इस बीच शहरों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) भी लगातार खराब होता जा रहा है। दिल्ली की बात करें तो मंगलवार रात करीब 11 बजे यहां का एक्यूआई 316 था, जबकि बुधवार सुबह 7 बजे 349 दर्ज किया गया।
क्या है एक्यूआई
एक्यूआई का तात्पर्य एयर क्वालिटी इंडेक्स है। इसको वायु गुणवत्ता सूचकांक भी कहा जाता है। इसकी मदद से हवा की गुणवत्ता के बारे में पता किया जाता है। हवा की गुणवत्ता के बारे में अच्छे से पता किया जा सके, इसके लिए एक्यूआई को 6 कैटेगरी में बांटा गया है।
- 0-50 = शुद्ध हवा
- 51-100 = संतोषजनक हवा
- 101-200 = मध्यम
- 201-300 = खराब हवा
- 301-400 = बेहद खराब हवा
- 410-500 = गंभीर श्रेणी
कैसे मापी जाती है हवा की गुणवत्ता
हवा की गुणवत्ता के बारे में पता करने के लिए सरकार अलग-अलग जगहों पर एयर क्वालिटी को मापने वाले मीटर को लगाती है। यह एक थर्मामीटर की तरह काम करता है और हवा की गुणवत्ता के बारे में पता करने का काम करता है।
एक्यूआई लेवल बढ़ने का कारण
दरअसल, जब धुंआ और धूल साथ होते हैं और तापमान गिरता है तो आद्रता उसके आस-पास इकट्ठा होकर धुंध यानी कोहरे का रूप ले लेती है। इसी वजह से एक्यूआई का लेवल भी लगातार ऊपर जा रहा है।
फॉग और स्मॉग के कारण विजिबिलिटी यानी दृश्यता भी काफी कम रिकॉर्ड की गई है। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुबह 6 बजे 100 मीटर विजिबिलिटी रही तो वहीं हिंडन एयरपोर्ट और पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर जीरो विजिबिलिटी दर्ज की गई है। उत्तर भारत में अचानक बदले मौसम और घने कोहरे के पीछे कई पर्यावर्णीय कारण और मौसमी गतिविधियां जिम्मेदार हो सकती हैं।
फॉग और स्मॉग में क्या अंतर है
इसे वैज्ञानिक भाषा में न्यूक्लिलाइजेशन कहा जाता है यानी धूल और धुएं के न्यूक्लियस पर पानी की बूंदें जमकर कोहरा बनाना। इस बीच लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं कि कोहरा है या स्मॉग? दरअसल, कोहरे(Fog) और स्मॉग(Smog) दोनों का ही संबंध आसमान में छाने वाले धुंध से है, लेकिन दोनों में काफी अंतर है। हवा में तैरती पानी की बहुत ही महीन बूंदों से फॉग बनता है। लेकिन, स्मॉग धुएं और प्रदूषण का मिश्रण होता है। इसके अलावा कोहरे का रंग सफेद होता है, जबकि स्मॉग हल्का ग्रे या भूरा हो सकता है। मौसम ठंडा होने और आद्रता बढ़ने की वजह से आसमान में कोहरा बढ़ता है, जबकि स्मॉग तापमान गिरने के बाद प्रदूषण के बढ़ने से बनता है।
जानते हैं धुंध का कारण…
मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर भारत में अचानक घने कोहरे और धुंध के आने का कारण हिमालय क्षेत्र में एक्टिव वेस्टर्न डिस्टर्बेंस है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण हवा की दिशा पश्चिम से पूर्व की तरफ हो गई है। इस वजह से पाकिस्तान और पंजाब के ऊपर जमा प्रदूषण दिल्ली की तरफ आ गया है। जब धुंआ और धूल साथ होते हैं और तापमान गिरता है तो आद्रता उसके आस-पास इकट्ठा होकर धुंध यानी कोहरे का रूप ले लेती है।
लाहौर की धुंध नहीं है प्राकृतिक, जानिए प्रदूषण के कारण…
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक विशेषज्ञों का कहना है कि लाहौर में गंभीर प्रदूषण को मौसमी नहीं माना जा सकता है, क्योंकि खतरनाक धुंध गर्मियों के महीनों में भी बनी रहती है। यह धुंध सिस्टमेटिक एनवायरोन्मेंटल मिसमैनेजमेंट की तरफ इशारा करती है। यह संकट केवल पराली जलाने से ही नहीं, बल्कि अनकंट्रोल्ड व्हीकल एमिशन, पुरानी इंडस्ट्रियल प्रैक्टिस और पर्यावरण निगरानी में लापरवाही के कारण आया है।
तमिलनाडु में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश
उत्तर भारत के उलट दक्षिण में भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। तमिलनाडु, पुड्डुचेरी और कराईकल में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश रिकॉर्ड की गई। तमिलनाडु के चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम, चेंगलपट्टू, कुड्डालोर, मयिलादुथुरा, नागपट्टनम, तंजावुर, तिरुवरुर, पुदुक्कोट्टई, रामनाथपुरम, विल्लुपुरम और पुड्डुचेरी में भारी बारिश हो रही है। इसके चलते स्कूल बंद रखने का आदेश जारी किया गया है।
15 नवंबर तक प्रदूषण का प्रकोप
मौसम विभाग का कहना है कि इस समय हवाएं कमजोर हो रही हैं। ऐसे में 13 से 15 नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत में प्रदूषण का स्तर इसी तरह खराब बना रहेगा। हो सकता है कि इसके बाद अगले छह दिन और ऐसी ही स्थिति रहे। मंगलवार की बात करें तो हवाएं मिश्रित दिशा से चलीं। इनकी रफ्तार भी 4 से 10 किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास रही। वहीं,14 नवंबर को हवाओं की गति 2 से 8 किलोमीटर प्रति घंटे रह सकती है।
दिल्ली में ठंड की दस्तक
दिल्ली में सोमवार को ठंड का अहसास भी होने लगा है। दरअसल, पहाड़ों पर सीजन की पहली बर्फबारी होने के बाद अब देश की राजधानी दिल्ली में सर्दी बढ़ने का अनुमान है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के आगे बढ़ने के बाद पहाड़ो की ठंडी हवाएं दिल्ली तक पहुंच सकेंगी। ऐसे में 18 नवंबर के बाद तापमान में तेजी से गिरावट आने का अनुमान है। 14 से 16 नवंबर के बीच का अधिकतम तापमान 32 डिग्री और न्यूनतम तापमान 16 से 17 डिग्री रह सकता है।
प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना हर भारतीय का मौलिक अधिकार: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर को एक सुनवाई के दौरान कहा कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने अधिकारियों से सवाल करते हुए यह टिप्पणी की थी। कोर्ट पटाखे जलाने और पराली से होने वाले प्रदूषण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
खराब गुणवत्ता वाली हवा से सबसे बड़ा खतरा बूढ़े व बच्चों को
हवा की गुणवत्ता खराब होने के कारण आंख, गले और फेफड़े से जुड़ी तकलीफ बढ़ने लगती है। इसका सबसे बड़ा खतरा बच्चों और बूढ़ों पर होता है। इस दौरान कई लोगों को तो खांसी और सांस लेने में तकलीफ का सामना भी करना पड़ता है।