देश की इंटरनेट सेवा में क्रांति लाएगा GSAT-11, खास बातें
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) एक और उपग्रह जीसैट-11 अंतरिक्ष में भेजने के लिए तैयार है। इस उपग्रह से भारत में इंटरनेट को और अधिक गति मिलेगी। जीसैट-11 बुधवार 5 दिसंबर को दक्षिण अमेरिका के फ्रेंच गुयाना स्पेस सेंटर से फ्रांस के एरियन-5 रॉकेट की मदद से इसे लांच किया जाएगा। इसरो ने बताया कि इसका वजन करीब 5,854 किलोग्राम है। इस सैटेलाइट से देशभर में ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्ध होंगी और इंटरनेट की स्पीड भी सुधार आएगा।
इसरो द्वारा बनाया अब तक का सबसे अधिक वजन वाला यह उपग्रह है। जीसैट-11 अगली पीढ़ी का 'हाई थ्रुपुट' संचार उपग्रह है और इसका जीवनकाल 15 वर्ष से अधिक का है। इसे पहले 25 मई को प्रक्षेपित किया जाना था लेकिन इसरो ने अतिरिक्त तकनीकी जांच का हवाला देते हुए इसके प्रक्षेपण का कार्यक्रम बदल दिया।
लाजवाब क्षमता
उच्च क्षमता वाला यह थ्रोपुट संचार उपग्रह हर सेकंड 100 गीगाबाइट से ऊपर की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देगा। साथ ही यह देश में उन्नत दूरसंचार और डीटीएच सेवाएं भी प्रदान करेगा। यह देश में पहले से मौजूद इनसैट या जीसैट सेटेलाइट सिस्टम की तुलना में यूजर्स को ज्यादा स्पीड देगा। यह नई पीढ़ी के एप्लीकेशन को प्रदर्शित करने के लिए प्लेटफाॅर्म भी उपलब्ध कराएगा।
जीसैट-11 उपग्रह के बारे में खास बातें
- प्रक्षेपण के बाद जीसैट-11 सैटलाइट धरती से 36,000 किमी. की दूरी तक जाएगा। इस कम्युनिकेशन सैटलाइट का वजन 5854 किलोग्राम है। इसके जरिए देश में इंटरनेट की स्पीड को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के चेयरमैन के.सिवन ने बताया कि चार उच्च क्षमता वाले थ्रोपुट सैटलाइट अगले साल से देश में हर सेकंड 100 गीगाबाइट से ऊपर की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देंगें। ग्रामीण भारत में इंटरनेट क्रांति के लिहाज से यह सैटलाइट उल्लेखनीय कदम है।
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- जीसैट-11 के प्रत्येक सोलर पैनल चार मीटर से ज्यादा लंबे है, जो कि एक बड़े रूम के बराबर है।
- जीसैट-11 में 40 ट्रांसपोर्डर कू-बैंड और का-बैंड फ्रीक्वेंसी में है। इसकी सहायता से हाई बैंडविथ कनेक्टिविटी 14 गीगाबाइट/सेकेंड डेटा ट्रांसफर स्पीड संभव है।
- जीसैट-11 को पहले मार्च-अप्रैल में लॉन्च करने की तैयारी थी, लेकिन जीसैट-6 के असफल लॉन्च के बाद उस वक्त लॉन्चिंग को रोक दिया गया और जीसैट-11 को वापस फ्रेंच गुएना से लाया गया।
- कई स्तर पर परीक्षण के बाद ही इसरो ने इसके लॉन्च की घोषणा की। जीसैट-11 को बुधवार को लॉन्च किया जाएगा और जीसैट-20 को अगले साल प्रक्षेपित किया जाना है।
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