
Infosys के सह-संस्थापक Senapathy Kris Gopalakrishnan और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के पूर्व निदेशक बालाराम सहित 16 अन्य लोगों पर अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (SC/ST एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह मामला सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में 71वें सिटी सिविल और सेशन कोर्ट (CCH) के निर्देश पर दर्ज किया गया।
शिकायतकर्ता के आरोप
शिकायतकर्ता दुर्गप्पा, जो Bovi समुदाय से संबंधित हैं, IISc के सेंटर फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी में फैकल्टी सदस्य थे। उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 में उन्हें एक झूठे हनीट्रैप मामले में फंसाया गया और इसके बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
दुर्गप्पा ने यह भी दावा किया कि उन्हें जातिगत गालियों और धमकियों का सामना करना पड़ा।
आरोपियों की सूची में बड़े नाम शामिल
इस मामले में क्रिस गोपालकृष्णन के अलावा IISc के पूर्व निदेशक बालाराम, गोविंदन रंगराजन, श्रीधर वॉरियर, संध्या विश्वेश्वरैया, हरि के वी एस, दासप्पा, हेमलता मिषी, चट्टोपाध्याय के, प्रदीप डी सावकर, और मनोहरन सहित कई अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है।
कोर्ट का निर्देश
71वें सिटी सिविल और सेशन कोर्ट के निर्देश पर यह मामला दर्ज किया गया। अदालत ने शिकायतकर्ता की ओर से प्रस्तुत तथ्यों और सबूतों के आधार पर पुलिस को कार्रवाई करने का आदेश दिया।
IISc और गोपालकृष्णन की प्रतिक्रिया का इंतजार
फिलहाल इस मामले में IISc फैकल्टी और क्रिस गोपालकृष्णन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
क्या है SC/ST एक्ट?
SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम का उद्देश्य अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के खिलाफ होने वाले अत्याचारों को रोकना है। इस अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की गंभीरता के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाती है।
मामले की गूंज
इस मामले ने टेक्नोलॉजी और शिक्षा जगत में हलचल मचा दी है। बड़ी हस्तियों के नाम शामिल होने के कारण यह मामला चर्चा का विषय बन गया है।