रेलवे ने भी लॉकडाउन बढ़ने के बाद उठाया ये बड़ा कदम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक बढ़ा दिया है। इस बड़े एलान के साथ ही रेल मंत्रालय ने भी एक अहम घोषणा कर दी है। अब ट्रेन भी इस अवधि तक देशभर में नहीं चलेंगी। इसके साथ ही रेलवे ने एडवांस टिकट की बुकिंग पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी है।
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3 मई तक नहीं चलेंगी यात्री ट्रेनें
लॉकडाउन बढ़ने के बाद रेल मंत्रालय की ओर से इस घोषणा के होने की उम्मीद थी। सरकार रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थानों को कोरोना वायरस के फैलने की एक प्रमुख वजह मानती है। यही कारण है कि जब 24 मार्च को पहली बार लॉकडाउन हुआ था तो रेलवे ने भी देशभर की सभी ट्रेनों पर रोक लगा दी थी। इस वक्त देश में कोई भी यात्री ट्रेन संचालित नहीं हो रही है। ट्रेनें आखिरी बार जहां थीं उसी स्थिति में पिछले 21 दिनों से खड़ी हुई हैं। 3 मई तक लॉकडाउन की अवधि को जोड़ें तो कुल 40 दिन रेल आवागमन देश में ठप रहेगा। ऐसा देश में पहली बार हो रहा है कि सारी ट्रेनों का संचालन रोका गया हो।
अब पूरी तरह से रुकी एडवांस बुकिंग
जब केन्द्र सरकार ने 24 मार्च को पहली बार लॉकडाउन की घोषणा की थी, तो रेलवे ने भी ट्रेनों के संचालन पर रोक लगा दी थी। उस दौरान रेलवे ने 14 अप्रैल के बाद की ऑनलाइन टिकट बुकिंग जारी रखी थी, लेकिन इस बार ये बुकिंग 3 मई के बाद भी नहीं चालू की गई है। इससे ये जाहिर है कि इस बार रेलवे ने लंबी अवधि के लॉकडाउन की आशंका को ध्यान में रखा है। बड़े पैमाने पर बुक हुए टिकट के रिफंड के झाम से बचने के लिए रेलवे ने ये तरीका अपनाया है। पहले लॉकडाउन के समय लाखों की संख्या में लोगों ने 14 अप्रैल के बाद की एडवांस बुकिंग करा ली थी। अब रेलवे ऐसे टिकट्स के रिफंड पर काम कर रहा है।
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आसानी से होगा रिफंड
एडवांस में टिकट बुकिंग करा चुके लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके लिए रेलवे ने पूरे इंतजाम कर लिए हैं। हालांकि आईआरसीटीसी के मुताबिक लोगों के टिकट कैंसिलेशन में कुछ रकम काटी जा सकती है। हालांकि रेलवे ने ऐसे यात्रियों से अपील की है कि जो ट्रेनें रद्द हुई हैं, उनके ई-टिकट को रद्द न करें। वहीं काउंटर से टिकट खरीदने वाले यात्रियों को अपने टिकट का रिफंड 21 जून तक मिल जाएगा।

खाली पड़ी ट्रेनों में बन रहे आइसोलेशन वार्ड
24 अप्रैल से लिए गए लॉक डाउन के फैसले के बाद रेल मंत्रालय ने सभी ट्रेनों को निरस्त कर दिया था। कोरोना वायरस के खतरे को कम करने के उद्देश्य से ये फैसला लिया गया था। रेलवे ने अपनी 3700 ट्रेनों को निरस्त करने का निर्णय लिया था। रेलवे बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया था कि सभी यात्री ट्रेनें बंद कर दी जाएं। रेलवे की ओर से स्टेशनों पर खड़ीं इन ट्रेनों में कुछ को कोरोना के वार्ड के रूप में इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया है। रेलवे के इंजीनियर इन ट्रेनों की बोगियों को आइसोलेशन वार्ड के रूप में तब्दील कर रहे हैं, जिससे संकट के समय में ऐसे वार्ड में मरीजों का इलाज हो सके।
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