भारतीय नौसेना बढ़ाएगी अपनी समुद्री शक्तियां, 56 जंगी जहाज होंगे शामिल

भारतीय नौसेना अपनी क्षमता को बढ़ाने के लिए अब 56 जंगी जहाजों और पनडुब्बियों को शामिल करने की योजना बना रही है। ये जानकारी भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने दी। उन्होंने देश को यकीन दिलाया कि नौसेना भारत के समुद्री इलाकों में दिन-रात निगरानी कर रही है।
एडमिरल लांबा ने अपनी सालाना प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'नौसेना अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए 56 जंगी जहाजों और पनडुब्बियों को शामिल करने की योजना बना रही है। ये उन 32 जंगी जहाजों के अलावा हैं जो अभी बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तटीय सुरक्षा बढ़ाने के प्रयासों के तहत मछली पकड़ने वाली तकरीबन ढाई लाख नौकाओं पर स्वत: पहचान करने वाले ट्रांसपोर्डर लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि तीसरे विमानवाहक पोत को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मालदीव में अब भारत के प्रति बेहतर रवैया रखने वाली सरकार बन जाने पर दोनों देश समुद्री सहयोग बढ़ा सकेंगे।
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पांच ऑफशोर गश्ती वाहनों के लिए रिलायंस नेवल इंजिनियरिंग लिमिटेड को दिए गए अनुबंध के बारे में एडमिरल लांबा ने कहा, 'हम अनुबंध पर गौर कर रहे हैं। करार के लिए बैंक गारंटी भुना ली गई है।' सेशल्स के एजम्पशन द्वीप पर एक अड्डा बनाने के प्रस्ताव की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसके लिए सेशल्स की सरकार से बातचीत चल रही है।
भारतीय नौसेना अदन की खाड़ी से समुद्री डाकुओं के खिलाफ अभियान को प्रतिबद्ध है। नौसेना अंतरराष्ट्रीय तरीकों से इससे निपट रही है। 2008 से 70 भारतीय जंगी जहाजों की मदद से 3,440 से ज्यादा जहाजों और उसमें सवार 25 हजार सवारों को सुरक्षित किया गया। अंडमान-निकोबार में अमेरिकी टूरिस्ट जॉन एलन चाउ की मौत का कारण भी उन्होंने तटीय सुरक्षा की असफलता बताई।
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