एरोस्पेस इंजीनियरिंग करने गया भारतीय युवक अब लड़ रहा है यूक्रेन की आजादी के लिए जंग
यूक्रेन से मंगलवार को एक मीडिया रिपोर्ट सामने आई जिसमें दावा किया गया कि एक भारतीय सहित कई विदेशी लोग रूस के खिलाफ यूक्रेन की तरफ से लड़ने के लिए स्वयंसेवी सैन्य बल इंटरनेशनल लीजन में शामिल हुए हैं। इस बीच कीव इंडिपेंडेंट अखबार ने यूक्रेनी ग्राउंड फोर्सेस का हवाला देते हुए ट्वीट में लिखा, "शुरुआती विदेशी पहले ही यूक्रेन के स्वयंसेवक सैन्य बल इंटरनेशनल लीजन में शामिल हो चुके हैं और कीव के बाहर लड़ रहे हैं। यूक्रेनी ग्राउंड फोर्सेस के अनुसार, ये स्वयंसेवक सैनिक अमेरिका, यूके, स्वीडन, लिथुआनिया, मैक्सिको और भारत से आए हैं।"
क्या कहता है भारतीय कानून
अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारतीय कानून अपने किसी भी नागरिकों को विदेशों में जाकर लड़ने की इजाजत देता है? जी नहीं, भारतीय कानूनों के तहत, एक नागरिक के लिए किसी भी विदेशी देश में लड़ाई में भाग लेना अपराध है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2015 में दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक हलफनामे में कहा था कि भारतीय नागरिकों को "किसी भी संघर्ष में भाग लेने के घोषित उद्देश्य" के साथ किसी विदेशी देश की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। किसी विदेशी संघर्ष में भाग लेने के लिए स्वयंसेवकों को जुटाने का कोई भी प्रयास "देश के कानून और घोषित नीति का पूर्ण उल्लंघन" होगा।
यूक्रेन-रूस जंग में उतरा भारतीय युवक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जो भारतीय छात्र यूक्रेनी सेना में शामिल हो गया है, उनका नाम सैनीकेश रविचंद्रन है, जो अभी 21 वर्ष के हैं। सैनीकेश रविचंद्रन तमिलनाडु के कोयंबटूर के रहने वाले हैं। बताया जाता है कि रविचंद्रन का पहले भी सेना में जाने का सपना था। उन्होंने बाकायदा भारतीय सेना में भी अप्लाई किया था, लेकिन कुछ कारणवश उनका चयन नहीं हो पाया था। इसके बाद वर्ष 2018 में वह यूक्रेन चले गए। जहां उन्होंने नेशनल एयरोस्पेस यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे। वह इस वक्त फाइनल ईयर के छात्र हैं। गौरतलब है कि यह यूनिवर्सिटी भी यूक्रेन के खारकीव में है। उनका इसी साल जुलाई में कोर्स पूरा होने वाला था, लेकिन युद्ध की वजह से पढ़ाई रुक गई। इसके बाद उन्होंने अपने अधूरे सपने को पूरा करने के लिए यूक्रेनी सेना में शामिल होने का फैसला किया।
बता दें, 24 फरवरी को रूसी सेना के यूक्रेन में हमले के बाद, राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की सरकार ने विदेशी स्वयंसेवकों से रूसी हमले के खिलाफ बलों की आवश्यकता को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय सेना में शामिल होने की अपील की थी। वहीं, यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने 28 फरवरी को बताया कि उन्हें विदेशी नागरिकों से "कई हजार" आवेदन प्राप्त हुए हैं।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...