भारतीय वायुसेना स्थापना दिवस पर जानिए वायुसेना से जुड़ीं अनसुनी बातें
चाहे पाकिस्तान के दांत खट्टे करने हों, या चीन को उसकी हद दिखानी हो, इन कामों में भारतीय वायुसेना का कोई जवाब नहीं है। पाकिस्तान की सीमा में घुसकर हमला करने वाली भारतीय वायुसेना की शान में ऐसे तमाम उदाहरण गिनाए जा सकते हैं। आज भारतीय वायुसेना अपना 87वां स्थापना दिवस मना रही है। वायुसेना के जांबाज जवानों ने हमेशा ही भारत का सिर ऊंचा रखा है। आज हम आपको भारतीय वायुसेना से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में बताएंगे।
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यह बातें जो नहीं जानते होंगे आप
भारतीय वायुसेना के बारे में कुछ ऐसे दिलचस्प तथ्य हैं, जिनके बारे में आप नहीं जानते होंगे। भारतीय वायुसेना अपनी सैन्य शक्ति के मामले में विश्व में चौथे नंबर पर है। इसके फ्लाइंग ऑवर्स सालाना करीब ढाई लाख के करीब है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना को रॉयल एयरफोर्स ऑफ ब्रिटेन कहा जाता था। वायुसेना ने उस दौरान जापानी फौज को बर्मा में रोक दिया था। भारतीय वायुसेना में डेढ़ लाख से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं। अभी डेढ़ हजार विमान भारतीय वायुसेना का गौरव बढ़ा रहे हैं।
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हाल ही में मिले लाजवाब अपाचे हेलीकॉप्टर
भारतीय वायुसेना को कुल 22 अपाचे हेलीकॉप्टर मिलने हैं, जिसमें से 08 वायुसेना में शामिल हो चुके हैं। यह अपाचे एएच-64 ई संस्करण हैं। अपाचे हेलिकॉप्टर में दो सीटर है। इसमें हेलिफायर और स्ट्रिंगर मिसाइलें और दोनों तरफ 30mm की दो गन लगी हैं। हेलिकॉप्टर की सबसे खास बात ये भी है कि ये दिन की ही तरह रात में भी बेहतर तरीके से काम कर सकता है और किसी भी काम को अंजाम दे सकता है। अपाचे हेलिकॉप्टर के आगे एक ऐसा सेंसर फिट है, जो रात में ऑपरेशन को अंजाम देने में मदद करेगा।
अपाचे हेलिकॉप्टर 365 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकते हैं और अपने ऑपरेशन को पूरी तरह से सफल कर सकता है। दुश्मनों का आसानी से नेस्तनाबूत भी कर सकता है। अमेरिकी अपाचे हेलिकॉप्टर में कुछ ऐसे भी फीचर हैं जो कि इसे बाकी अटैक हेलिकॉप्टर से अलग करते हैं। इसमें इसका हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले सबसे अहम होता है, जिसकी मदद से पायलट हेलिकॉप्टर में लगी ऑटोमैटिक गन से अपने दुश्मन पर आसानी से निशाना बना सकता है।
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विवाद के बाद मिले राफेल
राफेल विश्व में जितना अधिक चर्चित रहा है। उससे ज्यादा भारत में राजनीतिक कारणों से चर्चा का केन्द्र रहा है। इस प्रसिद्ध लड़ाकू विमान को फ्रांस की डसाल्ट एविएशन कंपनी बनाती है। यह एक बहुउपयोगी लड़ाकू विमान है। इस विमान में घातक एमबीडीए एमआइसीए, एमबीडीए मेटेओर, एमबीडीए अपाचे, स्टोर्म शैडो एससीएएलपी मिसाइलें भी लगी हुई हैं। इसमें थाले आरबीई-2 रडार और थाले स्पेक्ट्रा वारफेयर सिस्टम लगा होता है। साथ ही इसमें ऑप्ट्रॉनिक सेक्योर फ्रंटल इंफ्रा-रेड सर्च और ट्रैक सिस्टम भी लगा है। एक विमान की कीमत 1600 करोड है। इसकी लंबाई 15.27 मीटर है और इसमें एक से दो पायलट बैठ सकते हैं।
यह विमान ऊंचे इलाकों में लड़ने में माहिर है। ये विमान एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जाता है। हालांकि अधिकतम भार उठाने की क्षमता 24500 किलोग्राम है। विमान में ईंधन क्षमता 4700 किलोग्राम है। विमान की अधिकतम रफ्तार 2500 तक किमी प्रति घंटा है और इसकी रेंज 3700 किलोमीटर है। इसमें 1.30 एमएम की एक गन लगी है जो एक बार में 125 राउंड गोलियां निकाल सकती है। यह युद्ध के दौरान जटिल परिस्थितयों में काम करने के उद्देश्य से डिजायन किया गया है।
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