
प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये तीन सेमी कंडक्टर परियोजनाओं का शिलान्यास किया है। 1.25 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं से भारत सेमीकंडक्टर उत्पादन का ग्लोबल हब बनने की ओर तेजी के साथ कदम बढ़ाएगा। केंद्र ने शिलान्यास के बाद उम्मीद जताई है कि सेमी कंडक्टर के तीन प्लांट्स लगने के बाद दुनिया में चिप बाज़ार की एंट्री भारत के लिए एक नई शुरुवात होगी। साथ ही करीब 1 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। भारत में डिजाइन किया गया चिप भारत को आत्मनिर्भरता की तरफ ले जाएगा।
केंद्र सरकार ने 10 बिलियन की छूट सेमीकंडक्टर विनिर्मान प्रोत्साहन नीति के तहत देने के बाद अगले चरण का ब्लूप्रिंट तैयार किया है। सरकार अगले चरण में चिप की विनिर्माण में उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल व गैस के लिए पूंजीगत सहायता करेगी। सरकार असेंबली और टेस्टिंग प्लांट्स की छूट को कम करने पर विचार कर रही है। साथ ही सरकार इस बार होने वाले परीव्यय को बढ़ाकर 15 बिलियन डालर कर सकती है। सरकार के इस कदम से आगे और निवेश आकर्षित होने के देश में एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरने का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है।
तथा कथित चैनल को एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा बताया गया कि हम एक फैब्रिकेशन प्लांट सहित चार चिप प्रस्तावों को मंजूरी देने में कामयाब रहे। इन सुविधाओं को स्थापित करने वाली संस्थाओं को सब्सिडी भुगतान किए जाने के बाद मूल प्रोत्साहन नीति का 10 बिलियन डॉलर परिव्यय लगभग समाप्त हो जाएगा। हम ऐसे और अधिक प्लांट्स को आकर्षित करना चाहते हैं। यह देखते हुए कि कई देश चिप विनिर्माण को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं इसलिए, हमने अनुमान लगाया है कि नई 2.0 योजना में 15 बिलियन डॉलर का उच्च परिव्यय होना चाहिए ताकि हम कंपटीशन में बने रह सकें।”
सरकार ने इस प्रोत्साहन नीति कि शुरुवात साल 2021 में की थी। शुरुवात में सरकार ने पूंजीगत व्यय में 30 प्रतिशत की छूट दी थी जिसे बाद में बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया था। यह छूट चिप पैकेजिंग और टेस्टिंग प्लांट्स के लिए दी गई थी। माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने इस पर काम भी शुरू कर दिया था बाद में सरकार ने कंपनी को देश में असेंबली प्लांट्स स्थापित करने के लिए सोचा जो जून 2023 में जमीनी स्टार पर आ सकी।