ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। जिसको देखते हुए भारत ने ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को भारतीयों से कहा कि वो अगली सूचना तक इन दोनों देशों की यात्रा न करें। विदेश मंत्रालय ने कहा, “ईरान या इजरायल में रहने वाले भारतीय वहां के दूतावासों से फौरन संपर्क करें और अपना पंजीकरण करवाएं। साथ ही ये भी कहा कि सभी अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें और कम से कम बाहर निकलें। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं अगले 24 घंटे में दोनों देशों के बीच युद्ध हो सकता है। अगर मीडिया रिपोर्ट कि मानें तो ईरान इज़राइल पर न्यूकिलयर अटैक कर सकता है।
नहीं बनती ईरान और अमेरिका की
बता दें कि कतर और कुवैत में अमेरिका के बड़े सैन्य ठिकाने हैं। अमेरिका इन देशों को लंबे समय से सुरक्षा भी मुहैया कराता रहा है। हालांकि यह दोनों देश इजरायल और ईरान के बीच जंग के दौरान अपने सबसे निकटतम पड़ोसी ईरान से पंगा लेना नहीं चाहते हैं। वहीं, ईरान और अमेरिका का शुरू से ही 36 का आंकड़ा है। डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिका ने ईरान के सबसे बड़े सैन्य लीडर को ही मौत के घाट उतार दिया था।
कामगारों को वापस भेजेगा इज़राइल
इज़राइल में लगभग 18000 भारतीय हैं। जिनमें से ज़्यादातर भारतीय आई टी सेक्टर से जुड़े हुए हैं वहीं ईरान में करीब 5000 भारतीय हैं। इनमें से ज़्यादातर व्यापार में शामिल हैं। बतादें 64 भारतीय कामगारों का पहला बैच 2 अप्रैल की इज़राइल के लिया रवाना हुआ था। वहीं अप्रैल और मई के बीच 6000 कामगारों को भेजने की संभावना थी। इजराइली प्रधानमंत्री कार्यालय निर्माण एवं आवास मंत्रालय ने फैसला किया है जो कामगार यहा आए थे उन्हें एयर शटल से लाया जाएगा। इस समय इज़राइल में कामगारों की कमी के चलते उसने भारत से मदद मांगी थी।