चीन के इस नियम से नसीहत लेकर भ्रष्टाचार को कंट्रोल कर सकता है भारत

भ्रष्टाचार को लेकर अक्सर देश में तमाम मामले सामने आते रहते हैं। देश में भ्रष्टाचार इतना बड़ा मुद्दा है कि यहां इसकी वजह से सरकार तक गिर जाती है। विपक्ष भी भ्रष्टाचार के मुद्दे को हमेशा भुनाने की कोशिश करता है। सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार देश की सबसे बड़ी समस्या है। ऐसा भी नहीं है कि भ्रष्टाचार की समस्या केवल भारत में ही है, चीन भी इस समस्या का काफी लंबे समय से सामना कर रहा है। हालांकि चीन की सरकार अब भ्रष्टाचार को काफी गंभीरता से ले रही है। दरअसल चीन की टैक्स कलेक्शन अथॉरिटी ने ऐसा नियम बनाया है, जिससे कोई भी बिजनेसमैन, व्यक्ति या कंपनी तब तक देश नहीं छोड़ सकते, जब तक उनके ऊपर कोई भी टैक्स बाकी होगा।
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10 लाख रुपए तक के बकाएदार रडार पर
इस नियम के अनुसार अभी केवल वहीं बिजनेसमैन या कंपनियां सरकार की निगरानी में रहेंगी जिनके ऊपर 10 लाख से ज्यादा का टैक्स बकाया है। नए नियम के दायरे में शुरुआत में ऐसे कारोबारी, कंपनियां और नौकरीपेशा लोग आएंगे, जिन पर 1 लाख युआन (10.26 लाख भारतीय रुपये) का टैक्स बाकी है। चीन की सरकार इस तरह के बकायदारों की सभी जानकारी मसलन आई कार्ड, बैंक अकाउंट नंबर और पासपोर्ट डिटेल्स को टैक्स अथॉरिटी अपने ब्लैकलिस्ट डेटाबेस में डाल देगी, जिससे एयरपोर्ट पर उनकी पहचान आसानी से हो सकेगी और वह देश नहीं छोड़ सकेंगे। इस डेटाबेस को पुलिस, बैंक, इमिग्रेशन, पासपोर्ट, एयपोर्ट और सी-पोर्ट जैसे विभागों के साथ भी साझा किया जाएगा। इन बिजनेसमैन व कंपनियों को देश छोड़ने पर पूरी तरह से रोक लग गई है।
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विदेशी नागरिक भी होंगे प्रभावित
चीन के इस नए कानून के चलते अगर कोई विदेशी नागरिक अपने कारोबार या फिर नौकरी के सिलसिले में चीन में 183 दिन से ज्यादा ठहरता है तो वो उसकी पूरी कमाई टैक्स के दायरे में होगी। इस नियम को वहां भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लाने के लिए बनाया गया है। इस नियम का पड़ोसी देश विरोध भी जता रहे हैं। हांगकांग ने इस नियम पर आपत्ति जताई है। नए नियम के अनुसार विदेश में नौकरी करने वाले चीनियों को भी चीन की सरकार को इनकम टैक्स देना पड़ेगा।
हालांकि चीन के निवासी पूरी दुनिया में टैक्स देने के मामले में सबसे पीछे हैं। वहां केवल 02 फीसदी लोग टैक्स भरते हैं। चीन की 138 करोड़ की आबादी में से केवल 2.8 करोड़ लोग ही टैक्स देते हैं। हालांकि अब चीन की सरकार इस ओर गंभीरता से प्रयास कर रही है।
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