स्कूल में अब रैगिंग करने वालों पर प्रशासन सख्त, होगी कड़ी कार्रवाई

स्कूलों में रैगिंग को लेकर प्रशासन सख्त है। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के बाद अब शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों में बुलिंग (बच्चों की हेकड़ी) और रैगिंग पर पूरी तरह से रोक लगाने की तैयारी कर ली है।
शिक्षा निदेशालय ने सख्त आदेश दिए हैं कि बुलिंग और रैगिंग किए जाने पर जो भी बच्चे दोषी मिलेंगे उन्हें लिखित चेतावनी से लेकर स्कूल से निलंबित किया जा सकता है। स्कूलों में अक्सर इस तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं जिसे दूर करने के लिए शिक्षा निदेशालय ने ये फैसला लिया है। स्कूलों में अब फीडबैक लेने के लिए सुझाव पेटिका भी रखी जाएगी जिसमें बच्चे अपनी परेशानियां लिखकर डाल सकते हैं। इस बक्से को समय-समय पर मॉनिटर भी किया जाएगा।
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दोषी पाए जाने पर निलंबित होंगे छात्र
शिक्षा निदेशालय का मानना है कि स्कूल का माहौल स्वस्थ और बुलिंग, रैगिंग से पूरी तरह से मुक्त होने चाहिए। स्कूल इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा किसी को धमकाता, परेशान करता है या हेकड़ी दिखाता है तो वह स्कूल कैंपस में पूरी तरह से निषेध है। इस तरह से कोई कार्य बच्चा करता है तो उसे दंडित किया जाना चाहिए। स्कूलों में बुलिंग और रैगिंग की गतिविधियों को रोकने के लिए एक स्टैंडिंग कमेटी का गठन होना चाहिए।
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शिक्षा विभाग ने ये भी कहा कि स्कूल संचालकों के लिए पूरी गाइडलाइंस बनाई जाएं जिसमें दंड का भी प्रावधान हो। दंड के अंतर्गत शिक्षा निदेशालय ने मौखिक व लिखित चेतावनी, एक निर्धारित समय के लिए स्कूल से निलंबन, रिजल्ट रोकना, एक निश्चित राशि का जुर्माना, दुर्लभ मामलों में बच्चे का निष्कासन करने की सिफारिश दी है। निदेशालय ने स्कूलों को कहा है कि मानव अधिकारों, लोकतांत्रिक मूल्यों, समानता के संबंध में विद्यार्थियों को जागरूक किया जाए। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के माध्यम से भी समाज को बुलिंग और रैगिंग रोकने के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया गया है।
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