पांच लाख रुपये तक के कवरेज पर ही मिलेगी छूट, मंत्रियों की बैठक में बनी सहमति
आने वाले दिनों में टर्म और हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम जमा करने में राहत मिलने जा रही है। लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी दर तय करने के लिए बने मंत्री समूह (जीओएम) की शनिवार को हुई बैठक में पांच लाख रुपये तक के कवरेज वाले हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले कर को पूरी तरह से खत्म करने पर सहमति बन गई।
पांच लाख से ज्यादा कवरेज वाले हेल्थ इंश्योरेंस पर पहले की तरह 18 प्रतिशत जीएसटी लगता रहेगा। इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों की ओर से दिए जाने वाले हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को भी कर मुक्त किया जा सकता है। हालांकि, इस संबंध में अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल द्वारा लिया जाएगा।
कितना लगता है जीएसटी
पांच लाख रुपये से अधिक के स्वास्थ्य बीमा कवरेज के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता रहेगा। एक अधिकारी ने बताया कि जीओएम के सदस्य बीमा प्रीमियम पर दरों में कटौती के लिए व्यापक रूप से सहमत हैं।
इस महीने के अंत तक रिपोर्ट सौंपेगी कमेटी
बैठक के बाद जीओएम के संयोजक और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि मंत्रिसमूह का हर सदस्य लोगों को राहत देना चाहता है। वरिष्ठ नागरिकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। हम काउंसिल को इस महीने के अंत तक एक रिपोर्ट सौंपेंगे। अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल करेगी।
नवंबर में होगी जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक
जीएसटी काउंसिल ने पिछले महीने ही लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर कर के बारे में निर्णय लेने के लिए 13 सदस्यीय मंत्री समूह गठित किया था। इस मंत्री समूह में सम्राट चौधरी के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आन्ध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, मेघालय, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना के मंत्री शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों को हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले कर से 8,262.94 करोड़ रुपये मिले थे। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक नवंबर में होनी है।
हेल्थ इंश्योरेंस पर ऐसे मिलेगी राहत
मान लीजिए 50 वर्ष का कोई व्यक्ति इस समय पांच लाख रुपये कवरेज वाले हेल्थ इंश्योरेंस के लिए करीब 27,500 रुपये प्रीमियम का भुगतान कर रहा है तो उसे अगले वर्ष करीब 4,100 रुपये का जीएसटी नहीं देना होगा। यानी अगले वर्ष हेल्थ इंश्योरेंस का नवीनीकरण कराने पर करीब 23,400 रुपये का प्रीमियम देना होगा।
हालांकि, पांच लाख रुपये कवरेज का इंश्योरेंस लेने वाले व्यक्ति की उम्र और कंपनी के आधार पर प्रीमियम की राशि व उस पर लगने वाला जीएसटी अलग-अलग हो सकता है।
सस्ती होंगी साइकिल और पानी की बोतलें
जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने को लेकर गठित मंत्री समूह (जीओएम) की बैठक भी शनिवार को हुई। इसमें 10 हजार रुपये से कम मूल्य वाली साइकिल, 20 लीटर की पानी की बोतल और अभ्यास नोटबुक पर कर की दर को घटाकर पांच प्रतिशत करने की सहमति बनी।
अभी इस मूल्य से कम वाली साइकिल व अभ्यास नोटबुक पर 12 प्रतिशत और पानी की बोतल पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। हालांकि, इस संबंध में अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल को करना है।
महंगी घड़ियों और जूतों पर 28 प्रतिशत जीएसटी का सुझाव
एक अधिकारी ने बताया कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह (जीओएम) ने महंगी कलाई घड़ियों और जूतों पर कर बढ़ाने का सुझाव दिया। जीओएम ने 15,000 रुपये से अधिक मूल्य वाले जूतों और 25,000 रुपये से अधिक कीमत वाली कलाई घड़ियों पर जीएसटी 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने का सुझाव दिया है।
जीओएम के इस फैसले से 22,000 करोड़ रुपये का राजस्व लाभ होगा। छह सदस्यीय जीओएम में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य सेवा मंत्री गजेंद्र सिंह, कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायर गौड़ा और केरल के वित्त मंत्री के एन. बालगोपाल भी शामिल हैं।