कुशीनगर में उड़ान की मिली हरी झंडी, एयरपोर्ट को मिला एरोड्रम लाइसेंस

उत्तर प्रदेश सरकार को बहुत बड़ी उपलब्ध मिली है, अब सरकार को कुशीनगर में उड़ान के लिए एरोड्रम लाइसेंस मिल गया है। उत्तर प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने बताया कि नागर विमानन महानिदेशक की तरफ से एयरपोर्ट को लेकर एरोड्रम लाइसेंस मिल गया है। उन्होंने कहा कि कुशीनगर का ऐतिहासिक रूप से भी बहुत महत्व है। यहां के प्राचीन महत्व को देखते हुए कहा जा सकता है कि ये बहुत ही जरूरी था। उन्होंने कहा कि अत्यन्त ही प्राचीन एवं महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है जहां महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। यहां अनेक देशों द्वारा निर्मित अत्यंत वृहद् एवं सुंदर बौद्ध मंदिर स्थित है। कुशीनगर पर्यटन स्थल के रूप में पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुका है।
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विश्व भर के लाखों देशी व विदेशी पर्यटक भ्रमण के लिये आते हैं। पर्यटकों एवं तीर्थयात्रियों हेतु हवाई सुविधा सुनिश्चित किए जाने के लिए मुख्यमंत्री ने कुशीनगर हवाई अड्डे के विकास का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2020 में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित किया था। उन्होंने कहा कि कुशीनगर के कसया में राज्य सरकार द्वारा 101 एकड़ भूमि पर 1644 मीटर 23 मीटर रनवे आकार की हवाई पट्टी का निर्माण किया गया था। उन्होंने बताया कि यहां पर 15 जनवरी को हवाई पट्टी को उच्चीकृत कर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। जिस के लिए कुल भूमि 589.35 एकड़ भूमि राज्य सरकार के लिए क्रय की गई परंतु अगले 7 वर्ष तक कोई निर्माण शुरू नहीं हो सका। वर्तमान प्रदेश सरकार ने एयरपोर्ट के निर्माण कार्य हेतु रू0 199.42 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की तथा विकास कार्यों को त्वरित गति से सम्पन्न कराया।
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प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण व राज्य सरकार के मध्य सम्पादित एमओयू के तहत 4 अक्टूबर को कुशीनगर एयरपोर्ट संचालन के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तांतरित किया गया है। कुशीनगर एयरपोर्ट वर्तमान में आरसीएस स्कीम के अंतर्गत चयनित है। मानकों के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा कुशीनगर हवाई अड्डे से सम्बन्धित कार्य यथा- रनवे, अप्रोच रोड, पेरिफेरल रोड, ड्रेनेज का कार्य, बाउण्ड्रीवाल, एटीसी टावर, फायर स्टेशन, भूमिगत टैंक इत्यादि कार्य पूर्ण कराए गए व लाइसेन्स हेतु आवेदन किया गया। कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से वायु सेवाओं के लिए भारत सरकार की तरफ से 22 फरवरी को एयरोड्रोम लाइसेंस प्रदान कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि लखनऊ व वाराणसी के बाद कुशीनगर उत्तर प्रदेश का तीसरा लाइसेंस एयरपोर्ट बन गया है और कुल 9 हवाई अड्डे प्रदेश में तैयार हो गए है जहां 2017 में मात्र 4 हवाई अड्डे क्रियाशील थे। उन्हेंने बताया कि बरेली हवाई अड्डे से पहली उड़ान 8 मार्च को आरम्भ हो रही है।

अध्यात्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित
नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने कहा कि एयर कनेक्टिविटी के माध्यम से उत्तर प्रदेश आध्यात्मिक पर्यटन के केंद्र के रूप में स्थापित हो रहा है। इसी क्रम में आज कुशीनगर एयरपोर्ट को महानिदेशक नागर विमानन भारत सरकार द्वारा एरोड्रम लाइसेन्स प्राप्त हो गया है। इसका मतलब यह है कि अब कुशीनगर एयरपोर्ट पूर्ण रूप से राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय उड़ान के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि अब तक उत्तर प्रदेश में केवल दो एयरपोर्ट ऐसे थे जो इण्टरनेशनली फंक्सनल हैं। यही नहीं, एक राजधानी लखनऊ में स्थित है और दूसरा बनारस में है। उन्होंने कहा कि अब दो इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के बाद अब ये तीसरा कुशीनगर एयरपोर्ट भी इण्टरनेशनल एयरपोर्ट हो जाएगा। उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने में इसकी अहम भूमिका होगी क्योंकि कुशीनगर को बौद्ध सर्किट के दृष्टि से अगर आप देखेंगे, तो यह सेन्टर प्लेस है, और आज तथागत बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर स्थित निर्माणाधीन एयरपोर्ट को डीजीसीए ने पूर्ण रूप से इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का दर्जा दे दिया गया है।
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