एक्यूआई 450 नीचे आने के बाद भी नहीं हटेगा ग्रेप-4 – सुप्रीम कोर्ट

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (दिल्ली-NCR) में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने और समय पर सख्त कदम न उठाने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को कड़ी फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया है कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण सख्ती से लागू किया जाए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि एक्यूआई (AQI) 450 से नीचे आने के बाद भी, बिना कोर्ट की अनुमति के प्रतिबंधों में कोई ढील नहीं दी जाएगी।

क्या है GRAP?

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) दिल्ली-NCR की वायु गुणवत्ता में गिरावट रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा तैयार किया गया एक विशेष योजना है। इसके चार चरण वायु गुणवत्ता के आधार पर स्वतः लागू हो जाते हैं:

  • GRAP-1 (AQI 201-300): सार्वजनिक सलाह, धूल नियंत्रण और खुले में कचरा जलाने पर रोक लगाई जाती है।
  • GRAP-2 (AQI 301-400): डीजल जेनरेटर पर प्रतिबंध, सड़कों की अधिक सफाई और पानी का छिड़काव किया जाता है।
  • GRAP-3 (AQI 401-450): गैर-आवश्यक निर्माण कार्यों पर रोक, भारी वाहनों की एंट्री सीमित, और ईंट भट्टों का संचालन बंद किया जाता है।
  • GRAP-4 (AQI 450 से अधिक): सबसे सख्त उपाय लागू होते हैं, जैसे सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर रोक, स्कूलों का बंद होना, और वाहनों पर सख्त प्रतिबंध।

वर्तमान स्थिति और GRAP-4 के तहत उपाय

दिल्ली में 18 नवंबर से GRAP-4 लागू किया गया है। सोमवार शाम को दिल्ली का औसत AQI 494 दर्ज किया गया, जो “अत्यंत गंभीर” श्रेणी में आता है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि यह प्रतिबंध तब तक नहीं हटाए जाएंगे जब तक कोर्ट की अनुमति न हो।

GRAP-4 के तहत प्रमुख कदम:

  • ट्रक मूवमेंट पर रोक: केवल आवश्यक सामान ढोने वाले, CNG, LNG या इलेक्ट्रिक ट्रक ही दिल्ली में प्रवेश कर सकते हैं।
  • लाइट कमर्शियल वाहनों पर प्रतिबंध: गैर-दिल्ली पंजीकृत हल्के वाहन, जो आवश्यक सामान नहीं ले जा रहे या CNG/इलेक्ट्रिक पर नहीं चल रहे हैं, दिल्ली में प्रतिबंधित हैं।
  • डीजल वाहनों पर बैन: BS-IV और उससे कम ग्रेड के डीजल वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं है, सिवाय आवश्यक सेवाओं के लिए।
  • निर्माण कार्यों पर रोक: सभी निर्माण और तोड़फोड़ से जुड़े कार्य बंद हैं, जिसमें सड़कें, पुल, बिजली लाइनों और पाइपलाइनों जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण भी शामिल है।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य उपाय:
    • कक्षा 6 से 9 और 11 के लिए स्कूल ऑनलाइन हो चुके हैं। प्राथमिक कक्षाएं पहले ही बंद थीं।
    • निजी और सरकारी कार्यालयों को 50% क्षमता पर चलाने और बाकी स्टाफ को घर से काम करने की सलाह दी गई है।
    • कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को भी बंद करने पर विचार किया जा रहा है।

कोर्ट के निर्देश और अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार और CAQM को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी और लोगों को स्वच्छ हवा उपलब्ध करानी होगी। इस मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी, जिसमें GRAP-4 के क्रियान्वयन पर स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी होगी। कोर्ट ने कहा कि अगर AQI में सुधार होता भी है, तब भी प्रतिबंधों में ढील कोर्ट की अनुमति के बिना नहीं दी जाएगी।

वायु गुणवत्ता की गंभीर स्थिति

दिल्ली में वायु गुणवत्ता की निगरानी के लिए 40 स्टेशन हैं, जिनमें से वर्तमान में 39 कार्यरत हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि खराब मौसम और भारी कोहरे के चलते वायु गुणवत्ता “गंभीर” या “अत्यंत गंभीर” श्रेणी में बनी रह सकती है।

AQI स्तर के आधार पर वायु गुणवत्ता को निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा गया है:

  • 0-50: अच्छा
  • 51-100: संतोषजनक
  • 101-200: मध्यम
  • 201-300: खराब
  • 301-400: बहुत खराब
  • 401-450: गंभीर
  • 450+: अत्यंत गंभीर

सुप्रीम कोर्ट का यह सख्त रुख वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। अब देखना यह होगा कि संबंधित एजेंसियां इस दिशा में कितनी प्रभावी कार्रवाई करती हैं।

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