कोटा में बच्चों की मौत पर घिरी गहलोत सरकार, विपक्ष ने साधा निशाना
राजस्थान में बच्चों की मौत थम नहीं रही है अभी तक कोटा के सरकारी अस्पताल जेके लोन में 100 बच्चों की मौत हो चुकी है और अब इसपर सियासत भी शुरू हो गई है। बीजेपी अब राज्य सरकार पर निशाना साध रही है और सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि इसपर सियासत न की जाए, ये एक संवेदनशील मुद्दा है।
लेकिन सवाल ये है कि आखिर इन बच्चों की मौत का कारण क्या है। जेके लोन अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट डॉ. सुरेश दुलारा ने बताया कि सभी बच्चों की मौत कम वजन के चलते हुई। कुछ अन्य रिपोर्ट का दावा है कि बच्चों की मौत अलग-अलग वजहों से भी हुई है जिसमें निमोनिया, सेप्टिसिमिया, सांस की तकलीफ मुख्य हैं। अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट ने ये भी दावा किया कि 2018 की तुलना में 2019 में नवजातों की मौत में कमी आई है और यह पिछले 6 साल में सबसे कम है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मेडिकल उपकरणों को बेहतर किया जा रहा है।
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जबकि नेशनल कमिशन फॉर प्रॉटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स ( NCPCR) ने अस्पताल का दौरा किया तो पाया कि अस्पताल की खिड़कियों में शीशे नहीं हैं और दरवाजे भी टूटे हुए हैं जिसके कारण बच्चों को ठंड लग गई। इसके साथ ही अस्पताल का रखरखाव भी सही नहीं है। इससे पहले NCPCR ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था।
विपक्ष ने साधा निशाना
बसपा अध्यक्ष मायावती ने गुरूवार का ट्वीट किया कि कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में 100 बच्चों की मौत से मांओं की गोद का उजड़ना अति दुखद व दर्दनाक है और यहां के मुख्यमंत्री गहलोत व उनकी सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील व गैर जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति निदंनीय हैं। उन्होंने ये भी लिखा इससे भी ज्यादा दुखद है महिला महासचिव का इस मामले में चुप रहना। अच्छा होता कि वो यूपी की तरह राजस्थान के कोटा में जाकर पीड़ित मांओ से भी मिलतीं, जिनकी गोद उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही के कारण उजड़ गई है। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि अभी तो सरकार खुद ही हिम्मत नहीं जुटा पा रही है कि वहां जाए। सरकार के किसी भी चिकित्सा मंत्री या मंत्री का न जाना अफसोसजनक है।
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