खुशखबरी, इस महीने तक भारत को मिल जाएंगे राफेल लड़ाकू विमान
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान चर्चा का केन्द्र रहे राफेल लड़ाकू विमान को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि भारत को राफेल विमान इसी सितंबर तक मिल जाएगा। खुद रक्षमंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ इसे लेने फ्रांस के प्लांट में जाएंगे। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस वक्त खुद फ्रांस में हैं, वह वहां कि बियारिट्ज शहर में शुरू होने वाले जी-7 समिट में हिस्सा ले रहे हैं।
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24 पायलट्स को ट्रेनिंग देगी वायुसेना
राफेल विमान केन्द्र की मोदी सरकार का सबसे बड़ा रक्षा सौदा है। इस सौदे में कुल 36 राफेल खरीदे जाएंगे, इनकी कीमत 57,600 करोड़ रुपये है। एक लड़ाकू विमान की कीमत 1600 करोड़ रुपये होगी। पिछले 20 वर्ष में लड़ाकू विमानों का यह पहला सौदा भारत ने किया है। विमानों की यह डील 2016 में हुई थी। भारत को यह लड़ाकू विमान मिल जाने के बाद यहां के पायलट्स को इसका कड़ा प्रशिक्षण दिया जाएगा। अभी भारत ने कुछ पायलट्स को ट्रेनिंग मुहैया करा भी दी है। वायुसेना अगले साल के मध्य तक 24 पायलट्स को राफेल उड़ाने की ट्रेनिंग प्रदान करेगी।
राफेल विमान की खासियत
इस विश्व प्रसिद्ध लड़ाकू विमान को फ्रांस की डसाल्ट एविएशन कंपनी बनाती है। यह एक बहुउपयोगी लड़ाकू विमान है। इस विमान में घातक एमबीडीए एमआइसीए, एमबीडीए मेटेओर, एमबीडीए अपाचे, स्टोर्म शैडो एससीएएलपी मिसाइलें भी लगी हुई हैं। इसमें थाले आरबीई-2 रडार और थाले स्पेक्ट्रा वारफेयर सिस्टम लगा होता है। साथ ही इसमें ऑप्ट्रॉनिक सेक्योर फ्रंटल इंफ्रा-रेड सर्च और ट्रैक सिस्टम भी लगा है। एक विमान की कीमत 1600 करोड है। इसकी लंबाई 15.27 मीटर है और इसमें एक से दो पायलट बैठ सकते हैं।
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उंचाई पर उड़ने में माहिर
यह विमान ऊंचे इलाकों में लड़ने में माहिर है। ये विमान एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जाता है। हालांकि अधिकतम भार उठाने की क्षमता 24500 किलोग्राम है। विमान में ईंधन क्षमता 4700 किलोग्राम है। विमान की अधिकतम रफ्तार 2500 तक किमी प्रति घंटा है और इसकी रेंज 3700 किलोमीटर है। इसमें 1.30 एमएम की एक गन लगी है जो एक बार में 125 राउंड गोलियां निकाल सकती है। यह युद्ध के दौरान जटिल परिस्थितयों में काम करने के उद्देश्य से डिजायन किया गया है।
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