
आरबीआई के पूर्व गवर्नर डॉ शक्तिकान्त दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रमुख सचिव नियुक्त किया गया है। नियुक्ति संबंधी कैबिनेट समिति ने डॉ दास की नियुक्ति संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके मुताबिक आईएएस शक्तिकान्त दास को प्रधानमंत्री का प्रमुख सचिव 2 नियुक्त किया गया है।
यह उस पद पर प्रधानमंत्री के कार्यकाल तक या अगले आदेश तक बने रहेंगे। पीके मिश्रा पहले से ही प्रधान सचिव के पद पर नियुक्त हैं। यानि अब दो प्रधान सचिव प्रधानमंत्री की सहायता करेंगे।
केंद्र सरकार के इस फैसले को मौजूदा वैश्विक अनिश्चितता और वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए उठाने जाने वाले कदमों के संदर्भ में देखा जा रहा है। उनकी नियुक्ति से अर्थनीति से जुड़े केंद्र सरकार के जुड़े तमाम मंत्रालयों व विभागों, आरबीआई व नियामक एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित होने की उम्मीद जताई जा रही है।
आदेश में कहा गया, ‘मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने शक्तिकांत दास, आईएएस (सेवानिवृत्त) को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव – 2 के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दी है। उनकी नियुक्ति पदभार ग्रहण करने की तारीख से प्रभावी होगी।’ दास ने एक सिविल सेवक के रूप में मुख्य रूप से वित्त, कराधान, निवेश और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में काम किया। वह भारतीय रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर बने और उन्होंने भारत के जी20 शेरपा और 15वें वित्त आयोग के सदस्य के रूप में भी काम किया है।
1980 बैच के IAS अधिकारी हैं शक्तिकांत दास
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से ताल्लुक रखने वाले 67 वर्षीय शक्तिकांत दास तमिलनाडु कैडर के 1980 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। अपने करियर के दौरान उन्होंने केंद्र और तमिलनाडु सरकारों के लिए विभिन्न पदों पर काम किया है। केंद्र में उन्होंने विभिन्न चरणों में आर्थिक मामलों के सेक्रेटरी, फाइनेंस सेक्रेटरी और फर्टिलाइजर सेक्रेटरी के रूप में काम किया। वह दिल्ली के मशहूर सेंट स्टीफंस कॉलेज के स्टूडेंट रहे हैं।
दिसंबर 2018 में शक्तिकांत दास को सरकार ने रिजर्व बैंक के प्रमुख के रूप में आश्चर्यजनक रूप से नियुक्त किया था। उन्होंने उर्जित पटेल की जगह ली थी, जिनके नेतृत्व में केंद्र सरकार ने डिमोनेटाइजेशन किया था। उर्जित पटेल ने बाद में किसी लेंडिंग पालिसी में बदलाव की मांग का विरोध करते हुए कथित रूप से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद रिप्लेसमेंट के रूप में शक्तिकांत दास को मौका मिला था।
2021 में, सरकार ने शक्तिकांत दास को तीन साल का विस्तार दिया था। पिछले महीने ऐसी खबरें आई थीं कि आरबीआई गवर्नर को दूसरा विस्तार दिया जाएगा, लेकिन संजय मल्होत्रा के रूप में नई नियुक्ति का ऐलान किया गया था। इस विस्तार से वे लगभग 70 वर्षों में रिजर्व बैंक के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रमुख बन जाते।