भू- आवंटन घोटाले में फंसे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया की मुश्किलें बढ़ गई है। लोकायुक्त पुलिस ने मैसुरू शहरी विकास प्राधिकरण भू-आवंटन मामले को लेकर सिद्दरमैया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। एफआईआर में मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती और साले मल्लिकार्जुन स्वामी को भी आरोपित बनाया गया है।
जनप्रतिनिधियों के लिए विशेष अदालत ने दो दिन पहले कर्नाटक लोकायुक्त को मुड़ा घोटाले में सिद्दरमैया के खिलाफ आईपीसी, सीआरपीसी, बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है। विशेष न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट ने लोकयुक्त को मामले की जांच कर तीन महीने के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। इस बीच सिद्दरमैया ने शुक्रवार को फिर कहा की वह भू-आवंटन मामले को लेकर इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होने कहा की विपक्ष उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए उनसे त्यागपत्र मांग रहा है। एचडी कुमारस्वामी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद वह जमनत पर बाहर है। लेकिन वह नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बने हुए हैं। विपक्ष ने हमारी सरकार को गिरने का प्रयास किया लेकिन वह नाकाम रहा क्योंकि हमारे पास 136 विधायक हैं।
कॉंग्रेस अद्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कर्नाटक सरकार के उस फैसले का समर्थन किया है जिसमें मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली गई। कहा की यह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। सीबीआई पर अपनी जांच में पक्षपाती और पूर्वाग्रही होने का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार ने गुरुवार को जांच के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली थी। खरगे ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। देवराज अर्स जब मुख्यमंत्री थे उस समय भी ऐसा हुआ था।
भाजपा ने राज्य में मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस लेने के फैसले पर कॉंग्रेस की आलोचना की और इसे पेशेवर चोर और भ्रष्ट पार्टी की प्रतिक्रिया बताया। कॉंग्रेस सरकार के इस कदम को मुड़ा घोटाले की सीबीआई जांच से बचने का प्रयास बताते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह निर्णय अपने आप में दोषी मानसिकता को दर्शाता है। मुड़ा घोटाले में हजारों करोड़ रुपए हड़पे गए हैं। इसके बाद कॉंग्रेस ने वही किया है जो किसी भी चोर और लुटेरे से अपेक्षित है। कानून के लंबे हाथ से बचने के लिए इसने राज्य कि जांच के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली है।