
नई दिल्ली: भारत में केंद्रीय बजट पेश करना किसी भी वित्त मंत्री के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य होता है। यह बजट न केवल देश की आर्थिक नीतियों को निर्धारित करता है बल्कि आम जनता, उद्योगों और सरकार के वित्तीय दिशा-निर्देशों को भी प्रभावित करता है। भारतीय इतिहास में कुछ वित्त मंत्रियों ने कई बार केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया है और अपने कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था को दिशा देने में अहम भूमिका निभाई है। आइए जानते हैं उन वित्त मंत्रियों के बारे में जिन्होंने रिकॉर्ड संख्या में बजट पेश किए हैं।
1. मोरारजी देसाई (10 बार)

मोरारजी देसाई अब तक सबसे अधिक बार केंद्रीय बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री रहे हैं। उन्होंने कुल 10 बार बजट पेश किया था, जिसमें 8 वार्षिक बजट और 2 अंतरिम बजट शामिल थे।
- वे 1959-1964 और फिर 1967-1969 तक भारत के वित्त मंत्री रहे।
- उन्होंने कई आर्थिक सुधारों की शुरुआत की और भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी।
2. पी. चिदंबरम (9 बार)

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने 9 बार केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया।
- उन्होंने 1996-1997, 2004-2008 और 2012-2014 के दौरान बजट पेश किए।
- उनके कार्यकाल में ‘ड्रीम बजट’ (1997-98) काफी चर्चित रहा, जिसमें कर सुधारों और उदारीकरण पर जोर दिया गया।
3. प्रणब मुखर्जी (8 बार)

प्रणब मुखर्जी, जो बाद में भारत के राष्ट्रपति भी बने, ने 8 बार केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया।
- उन्होंने 1982-84 और 2009-2012 के दौरान बजट पेश किए।
- उन्होंने बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किए।
4. निर्मला सीतारमण (8 बार)

निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को अपना 8वां केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया।
- वे 31 मई 2019 को भारत की वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री नियुक्त हुईं। वे भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं।
- उन्होंने 5 जुलाई 2019 को भारतीय संसद में अपना पहला बजट प्रस्तुत किया।
- 1 फरवरी 2020 को उन्होंने केंद्रीय बजट 2020-21 पेश किया।
- कोविड-19 महामारी के दौरान उन्हें कोविड-19 आर्थिक प्रतिक्रिया टास्क फोर्स की प्रमुख बनाया गया।
- फरवरी 2024 में, उन्होंने रिकॉर्ड 6वीं बार केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया और मोरारजी देसाई की बराबरी की।
- वे नई संसद भवन में बजट पेश करने वाली पहली वित्त मंत्री बनीं।
- उनके कार्यकाल में भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार हुए, जैसे कि आत्मनिर्भर भारत योजना, डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा, और वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नई नीतियाँ।
- उन्होंने कोविड-19 के समय आर्थिक सुधारों के लिए कई योजनाओं की घोषणा की और बजट के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया।
5. यशवंत सिन्हा (5 बार)

यशवंत सिन्हा ने 5 बार केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया।
- उन्होंने 1991 और 1998-2002 के बीच बजट पेश किए।
- 1991 में उनके कार्यकाल में भारत में आर्थिक सुधारों की नींव रखी गई।
6. मनमोहन सिंह (5 बार)

मनमोहन सिंह, जो भारत के प्रधानमंत्री भी रहे, ने 5 बार केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया।
- 1991 में प्रस्तुत उनका बजट ऐतिहासिक था, जिसने भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की।
- उन्होंने 1991-1996 के दौरान कई प्रमुख आर्थिक सुधार किए।
7. अरुण जेटली (5 बार)

अरुण जेटली ने भी 5 बार बजट पेश किया।
- 2014-2018 के दौरान उन्होंने केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया।
- उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारत के केंद्रीय बजट के इतिहास में कई वित्त मंत्रियों ने अपनी नीतियों और सुधारों के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है। इनमें से मोरारजी देसाई, पी. चिदंबरम, प्रणब मुखर्जी, निर्मला सीतारमण, यशवंत सिन्हा, मनमोहन सिंह और अरुण जेटली प्रमुख नाम हैं। इन वित्त मंत्रियों ने देश की आर्थिक नीतियों को नया आकार दिया और बजट के माध्यम से जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास किया।