पंजाब में किसानों ने आज बड़े पैमाने पर बंद का आयोजन किया है। यह विरोध केंद्र सरकार की नीतियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किया गया है। किसानों का आरोप है कि सरकार ने जो वादे किए थे, वो अब तक पूरे नहीं हुए हैं। इस आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) सहित कई किसान संगठनों का समर्थन प्राप्त है।
ज्ञात हो कि पंजाब में किसानों ने 13 फरवरी को शंभू और खनौरी बार्डर पर किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा गैर-राजनीतिक (SKM-NP) के तहत अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया, तो उनके पास 12 मांगों का एक लिस्ट थी। 23 फरवरी को 22 वर्षीय शुभकरण सिंह की मौत के बाद उन्होंने यह भी मांग की थी कि उनकी मौत के पीछे के लोगों पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उन्हें सजा दी जानी चाहिए।
इस महीने किसानों ने यह भी मांग की है कि कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति ढांचे के मसौदे को लागू नहीं किया जाना चाहिए। सोमवार को पंजाब के किसानों ने जगजीत सिंह दल्लेवाल के समर्थन में राज्य में बंद का आह्वान किया, जगजीत सिंह डल्लेवाल अपनी मांगों को लागू करने को लेकर एक माह से अधिक समय से भूख हड़ताल पर हैं।
किसानों की प्रमुख मांगें
MSP को कानूनी दर्जा: किसानों का मुख्य जोर एमएसपी को कानूनी अनिवार्यता देने पर है ताकि उन्हें फसल की उचित कीमत प्राप्त हो सके।
कर्ज माफी: कृषि ऋण माफी की मांग भी किसानों के एजेंडे में प्रमुख है।
पराली जलाने के नियम: पराली जलाने पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने और इसके लिए किसानों को वैकल्पिक उपाय मुहैया कराने की मांग की जा रही है।
अन्य समस्याएं: खाद की किल्लत, बिजली दरों में वृद्धि और जमीन अधिग्रहण जैसे मुद्दों पर भी सरकार से समाधान की गुहार लगाई गई है।
बंद के दौरान गतिविधियां
सड़क जाम: किसानों ने कई प्रमुख राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को बाधित किया है, जिससे की यातायात ठप हो गया है। अमृतसर, लुधियाना, जालंधर और पटियाला जैसे शहरों में यातायात जाम के कारण आम जनजीवन प्रभावित हुआ है।
रेल सेवा रुकी: कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर धरना दिया, जिस कारण कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं।
बाजार बंद: बंद के समर्थन में कई व्यापारिक संगठनों ने अपनी दुकानें और सेवाएं बंद रखी हैं।
शांति बनाए रखने की अपील: आंदोलनकारियों ने विरोध को शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपील की है, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने बंद को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
राज्य और केंद्र सरकार की ओर से इस बंद पर फिलहाल कोई ठोस बयान नहीं दिया गया है। हालांकि, जानकारी यह है कि सरकार किसानों के साथ बातचीत के लिए तैयार है और उनकी समस्याओं पर विचार किया जा सकता है। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। यह विरोध पंजाब और उसके आसपास के क्षेत्रों में बड़ा असर डाल सकता है।
वर्तमान स्थिति
फिलहाल भूख हड़ताल पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत खराब होने की जानकारी प्राप्त हो रही है, SC (Supreme Court) ने इस मामले पर पंजाब सरकार को लताड़ भी लगाई है, जिससे बाद जानकारी मिल रही है कि पंजाब सरकार किसानों से बात कर सकती है।