कोरोना से विश्व पर आर्थिक संकट लेकिन भारत कर सकता है बड़ा उलटफेर
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अरविंद मोहन ने कहा, देखिये भारत की अर्थव्यवस्था पर कोरोना का जो असर है वो काफी हद तक नकारात्मक दिखेगा। अभी से मान के चलिये कि अभी तत्काल कि स्थिति को देखें तो कम से कम डेढ़ से दो महीने लॉस के मंथ होंगे। जिसमें कोई भी इकनॉमिक एक्टिविटी नहीं होगी, इस पूरे काल में जो छोटा उद्यमी है वो और जो बड़ी इंडस्ट्री वाला है वो उनके घाटे बढ़ेंगे। क्यो कि कारखाने बंद रहेंगे और सैलरी वगैरह देने मे खर्चे तो बढ़ेंगे। फिर आने वाले समय में पेमेंट क्राइसिस होगी, बहुत सारी लाईबेलिटी सामने खड़ी होंगी, जिसमें तमाम लोग उसको पूरा नहीं कर पा रहे होंगे।
अरविंद मोहन ने कहा, आपको मै बता दूँ कि तीन महीने तक इसका असर तो नहीं दिखेगा लेकिन आने वाले टाइम में इसका असर दुगुना दिखेगा। भारत की टेक मार्केट को कॉम्प्रोमाइज़ करना पड़ेगा। हमारी सरकार ने तीन महीने तक के लिए बैंकों का एनपी आगे बढ़ाया है लेकिन आरबीआई ने सिर्फ उसको सिर्फ अभी हटाया है आने वाले समय में इसका असर और दिखाई देगा।
मोटे तौर पर भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका असर धीरे धीरे बढ़ेगा, तमाम उद्यमों का घाटा दिखेगा। तमाम सारे लोन का रि-पेमेंट नहीं होगा उसकी वजह से एनपीए बढ़ेगा। जो परचेजिंग पावर है वो कम हो जाएगी। मान के चलिये तमाम सारी रेटिंग देने वाली संस्थाएं जल्दी ही भारत की रेटिंग को गिराकर दिखाएंगी।
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