देश के जवानों के लिए इलेक्ट्रॉनिक स्मार्ट यूनिफॉर्म तैयार की जा रही है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) एक स्टार्टअप कंपनी ‘अलोहाटेक’ के साथ मिलकर इलेक्ट्रॉनिक टेक्सटाइल (ई-कपड़ा) तैयार करने में जुटा है। इसका उद्देश्य तकनीकि के जरिए जवानों की क्षमता को बढ़ाना है।
क्या होता ई-कपड़ा
इलेक्ट्रॉनिक टेक्सटाइल (ई-कपड़ा) एक ऐसा कपड़ा होता है जिसके धागे एक खास किस्म के नैनो मेटेरियल से तैयार होते हैं। डीआरडीओ सूत्रों की माने तो उनमें इलेक्ट्रिक प्रवाह की क्षमता होती है।
ग्रैफीन नैनो मटेरियल का इस्तेमाल
डीआरडीओ के अनुसार, कोयंबटूर स्थित स्टार्टअप कंपनी ‘अलोहाटेक’ को इलेक्ट्रॉनिक टेक्सटाइल विकसित करने का प्रोजेक्ट सौंपा गया है। इसके तहत कंडक्टिव (सुचालक) धागा पहले तैयार किया जाएगा जिसमें ग्रैफीन नैनो मटेरियल का इस्तेमाल किया जाएगा। ग्रैफीन नैनो मटेरियल सर्वाधिक विद्युत सुचालक मटेरियल है।
सैनिकों के लिए कई देश अपनाना चाहते हैं ई-कपड़ा
सूत्रों की माने तो सेनाओं में इलेक्ट्रॉनिक कपड़े के इस्तेमाल को लेकर कई देशों में तेजी से काम चल रहा है जिसका मकसद सैनिकों के लिए ई-यूनिफॉर्म और अन्य ऐसे उपकरण तैयार करना है जिन्हें कपड़ों की तरह पहना जा सकता है।
ई-कपड़ा का उद्देश्य
ई-कपड़ा का उद्देश्य तकनीकि के जरिए जवानों की क्षमता को बढ़ाना है। इस इलेक्ट्रॉनिक या स्मार्ट यूनिफॉर्म से आने वाले समय में भारतीय सेनाओं में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। सैनिक खुद में एक मशीन का काम भी करेगा। हालांकि, अभी इस दिशा में शुरू किए गए प्रयास शुरुआती चरण में हैं लेकिन भविष्य में अपार संभावनाएं होंगी।
कई फायदों से लैश है ई-कपड़ा
सूत्रों की मानें तो ई-कपड़े से यदि सैनिकों की वर्दी बनती है तो इसके कई फायदे होंगे। सैनिकों की वर्दी उनके लिए संचार उपकरणों का काम भी करेंगी। इससे कई सेंसर भी तैयार हो सकेंगे। यह जवान के स्वास्थ्य और अन्य गतिविधियों की भी निगरानी करेगी। सबसे बड़ी यह है कि इलेक्ट्रॉनिक यूनिफॉर्म स्वत: आंकड़े भी एकत्र करेगी जिन्हें नियंत्रण कक्ष को ट्रांसफर भी किया जा सकता है। इससे आने वाले वक्त में काफी सुविधा होगी और यह जवानों के लिए फायदेमंद साबित होगी।