9 लाख क्लासरूम में लगेंगे डिजिटल ब्लैकबोर्ड, हाईटेक होगी पढ़ाई
स्कूलों में ब्लैकबोर्ड का अलग ही महत्व होता है। ब्लैकबोर्ड के महत्व को समझते हुए केंद्र सरकार 'ऑपरेशन ब्लैकबोर्ड' को एक बार फिर से रफ्तार देने जा रही है। केंद्र सरकार ने बुधवार को 'ऑपरेशन डिजिटल ब्लैकबोर्ड' लॉन्च किया है। जिसके तहत देशभर के स्कूलों और कॉलेजों में नौ लाख क्लासरूम को डिजिटल सुविधाओं से लैस किया जाएगा। बता दें देश में 60 साल पहले ब्लैकबोर्ड अभियान चलाया गया था। इसको चलाने का मकसद स्कूलों में ब्लैकबोर्ड उपलब्ध कराना था। अब इसी योजना और आगे बढ़ाते हुए तकनीकि के साथ जोड़ा जाएगा। अब सरकार इसी तर्ज पर ऑपरेशन डिजिटल ब्लैकबोर्ड लेकर आई है।
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नौंवी से ऊपरी की क्लासरूम में लगेंगे ये बोर्ड
केंद्र सरकार की तरफ से शुरू की गई 'ऑपरेशन डिजिटल ब्लैकबोर्ड' के तहत देशभर के नौवीं से लेकर स्नातकोत्तर तक की करीब नौ लाख क्लासरूम में डिजिटल ब्लैकबोर्ड लगाए जाएंगे। तीन साल के अंदर सभी क्लासरूम में आम ब्लैकबोर्ड की जगह पर डिजिटल बोर्ड लगा दिए जाएंगे। स्कूलों में बोर्ड लगने की शुरुआत जुलाई से शुरू होने वाले नए अकादमिक वर्ष से हो जाएगी।
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प्रो. झुनझुनवाला की रिपोर्ट पर हुआ काम
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को ऑपरेशन डिजिटल ब्लैकबोर्ड की शुरुआत करते हुए बताया कि स्कूलों में डिजिटल ब्लैकबोर्ड लगाने के लिए 2018-19 के बजट में ही व्यवस्था की गई थी। इस कार्ययोजना तैयार करने के लिए प्रोफेसर अशोक झुनझुनवाला के नेतृत्व में समिति गठित की गई थी। समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर काम शुरू हुआ। इस अभियान के तहत स्कूल स्तर पर नौवीं कक्षा से बारहवीं कक्षा और सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में डिजिटल ब्लैकबोर्ड लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस काम को तीन साल में पूरा कर लिया जाएगा। देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ तक देश में बच्चे डिजिटल बोर्ड पर पढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए 7 हजार करोड़ से 10 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसमें से 60 फीसदी राशि केंद्र सरकार देगी, जबकि 40 फीसदी राशि राज्यों को देनी होगी। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा संस्थानों में डिजिटल ब्लैकबोर्ड की फंडिंग हीफा से कर्ज लेकर बोर्ड लगवाने का काम किया जाएगा।
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इतने स्कूलों में लगेंगे बोर्ड
डिजिटल ब्लैकबोर्ड स्कूल स्तर पर देशभर के 1.5 लाख सरकारी स्कूलों में लगाए जाएंगे। इन स्कूलों में करीब करीब सात लाख कक्षाएं हैं। कालेज एवं विश्वविद्यालय स्तर पर इस योजना के तहत दो लाख कक्षाओं में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना के तहत पूरे देश में कुल नौ लाख कक्षाओं में यह बोर्ड की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। सभी स्कूलों में अगले तीन सालों में डिजिटल ब्लैकबोर्ड लगा दिए जाएंगे।
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यह होगा फायदा
स्कूलों में लगने वाले डिजिटल ब्लैकबोर्ड के जरिये फिल्म, व्याख्यान, शिक्षण, गेम आदि का प्रयोग करके विविध विषयों पर अवधारणाएं स्पष्ट की जा सकेंगी। इसके जरिए पाठ्य सामग्री भी शामिल की जाएगी। सबसे खास बात यह रहेगी कि छात्रों के संवाद के आधार पर शिक्षकों के जवाब भी उपलब्ध होंगे। ब्लैकबोर्ड संबंधित जितनी भी तकनीकी की जरूरतें होगी वह दो से तीन महीने में पूरी कर ली जाएंगी। बता दें स्वयं पोर्टल पर पहले से ही 2000 ई सामग्री उपलब्ध है।
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इन स्कूलों में लगेंगे बोर्ड
केंद्र सरकार की तरफ से शुरू की गई जाने वाली इस योजना के तहत केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों, कस्तूरबा बालिका विद्यालयों और राज्य सरकार के स्कूलों व नगर निगम एवं स्थानीय निकायों के स्कूलों में डिजिटल बोर्ड लगाए जाएंगे। सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में ऐसे करीब डेढ़ लाख स्कूल है।
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