
आज के डिजिटल युग में जहां तकनीक ने हमारे जीवन को आसान बना दिया है, वहीं इसके गलत उपयोग से कई चुनौतियां भी सामने आ रही हैं। साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी सतर्क रहें और किसी भी अनजान कॉल या संदेश पर तुरंत प्रतिक्रिया देने से पहले उसके सत्यापन का प्रयास करें।
उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम के मास्टरमाइंड को उत्तर प्रदेश के बहराइच से गिरफ्तार किया है। यह गैंग देशभर में ऑनलाइन ठगी के मामलों में लिप्त था और हाल ही में एक दून निवासी से 3 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में भी शामिल पाया गया है।
कैसे की गई ठगी
मामला तब सामने आया जब राजपुर निवासी पीड़ित ने साइबर पुलिस को बताया कि 20 मई को उसे एक फोन कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को FedEx कूरियर का प्रतिनिधि बताया। कॉलर ने बताया कि उसका पार्सल मुंबई एयरपोर्ट पर नारकोटिक्स विभाग द्वारा जब्त किया गया है, जिसमें कुछ आपत्तिजनक चीजें जैसे कई पासपोर्ट, ड्रग्स और उसका आधार नंबर मिला है। इस सूचना ने पीड़ित को भ्रमित कर दिया।
इसके बाद कॉलर ने पीड़ित को यह आश्वासन दिया कि वह उसके सीनियर अधिकारियों से मदद ले सकता है। इस दौरान वीडियो और ऑडियो कॉल के माध्यम से उसे लगातार निर्देश दिए गए कि वह घर से बाहर न निकले और किसी से बात न करे। इस तरह पीड़ित को लगभग 48 घंटे तक डिजिटल हाउस अरेस्ट में रखा गया।
ठगी की राशि
परेशान पीड़ित ने डर के कारण 21 मई को आरोपियों के बैंक खाते में 2 करोड़ रुपये RTGS के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद 22 मई को भी अन्य बैंक खातों से 76 लाख रुपये, 12 हजार 678 रुपये, और 24 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि भेजी। कुल मिलाकर, पीड़ित ने आरोपियों के खाते में 3 करोड़ 12 हजार 678 रुपये ट्रांसफर किए।
शिकायत में देरी
इस पूरी घटना के बाद पीड़ित को समझ आया कि उसके साथ ठगी हुई है। घटना के डर से उसने तत्काल शिकायत दर्ज नहीं कराई, लेकिन 12 अगस्त को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया।
प्रधानमंत्री मोदी की “मन की बात” में चेतावनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने कार्यक्रम “मन की बात” में साइबर ठगी के इन बढ़ते मामलों पर चिंता जताई। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने का आग्रह करते हुए कहा, “रुको, सोचो, और एक्शन लो।” प्रधानमंत्री ने कहा कि हर आयु वर्ग के लोग आज साइबर अपराध का शिकार हो रहे हैं, और ऐसे में सतर्कता ही इसका सबसे बड़ा उपाय है। उन्होंने सभी राज्य सरकारों और पुलिस बलों से भी इस प्रकार के अपराधों से निपटने के लिए जागरूकता और कार्रवाई बढ़ाने का आह्वान किया।
6 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का खुलासा
उत्तराखंड STF के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि शिकायत के आधार पर STF टीम ने कई जगहों पर छापेमारी की और मुख्य आरोपी मनोज को बहराइच के सिसई हैदर, सिलौटा रोड से गिरफ्तार किया। उसकी गिरफ्तारी के साथ एक मोबाइल फोन, एक सिम कार्ड और 2 करोड़ से अधिक नकद बरामद किए गए हैं।
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपी के बैंक खाते से जुड़े 76 से अधिक मामले देशभर में दर्ज हैं और लगभग 6 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन का पता चला है। STF मामले की और गहनता से जांच कर रही है।
इस गिरफ्तारी से डिजिटल ठगी के मामलों में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि इस गैंग के अन्य सदस्यों की धरपकड़ भी जल्द की जा सकती है।
सरकार का रुख और जनता की सतर्कता
देशभर में साइबर अपराधों को रोकने के लिए सरकारें और साइबर सुरक्षा एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। कई राज्यों में साइबर क्राइम सेल का गठन किया गया है, जो इस प्रकार के मामलों पर विशेष निगरानी रखता है। प्रधानमंत्री की ओर से की गई अपील से जनता में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि कोई भी व्यक्ति आसानी से साइबर ठगी का शिकार न बने।