देवेंद्र फडणवीस बने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, शिंदे और अजित पवार को डिप्टी सीएम का जिम्मा

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति की प्रचंड जीत के बाद बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने 11 दिन बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 22 राज्यों के सीएम व डिप्टी सीएम की मौजूदगी में महाराष्ट्र के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने फडणवीस को पद एव गोपनीयता की शपथ दिलाई। देवेंद्र फडणवीस को 4 दिसंबर को बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया था। गुरुवार को शपथ लेने से पहल सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचे थे। वहां पर उन्होंने गणपति बप्पा का आशीर्वाद लिया था। इसके बाद उन्होंने गौमाता की पूजा की थी। शपथ समारोह में पहले देवेंद्र फडणवीस ने फिर उनके बाद एकनाथ शिंदे व अजित पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद रहे।

कौन हैं देवेंद्र फडणवीस

54 साल के देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र भाजपा के सबसे बड़े नेता हैं। वह एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे हैं। फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 22 जुलाई 1970 को नागपुर में एक मध्यमवर्गीय महाराष्ट्रीयन परिवार में देवेंद्र फडणवीस का जन्म हुआ। उनके माता-पिता काफी प्रतिष्ठित थे, जो सार्वजनिक सेवा में सक्रिय रहते थे। पिता गंगाधरराव फडणवीस जनसंघ के सदस्य थे और वह नागपुर से महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य भी रहे। आपातकाल के दौर में जब देश भर में विरोधी नेताओं को जेल में डाला गया तो उनमें से एक देवेंद्र के पिता गंगाधरराव भी थे। गंगाधरराव को एक विरोधी रैली के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें लंबे समय तक जेल में रखा गया। जब देवेंद्र 16 साल के थे तब उनके पिता की कैंसर से मौत हो गई थी। उनकी माता सरिता फडणवीस अमरावती के प्रतिष्ठित कालोटी परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वह विदर्भ हाउसिंग क्रेडिट सोसाइटी की पूर्व निदेशक रह चुकी हैं।

एक सीएम और दो डिप्टी सीएम

फडणवीस के साथ मुंबई के आजाद मैदान में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख अजित पवार ने भी शपथ ग्रहण की। इसके अलावा अभी तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे एकनाथ शिंदे ने भी शपथ ग्रहण की। दोनों को नई सरकार में डिप्टी सीएम बनाया गया है। महायुति की पिछली सरकार में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे। देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार उपमुख्यमंत्री थे। बीजेपी के 132 सीटें जीतने के बाद देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री के दावेदार बनकर उभरे थे। आखिर में उनके नाम पर ही मुहर लगी।

सवाल है कि आखिर लंबे समय से बड़े पद की मांग करते नजर आ रहे शिंदे डिप्टी सीएम के लिए राजी कैसे हुए? आइए समझते हैं-

जब शिवसेना ने कर दिया था इनकार फिर कैसे माने शिंदे

नवंबर में शिवसेना नेता संजय शिरसात ने साफ कर दिया था कि पार्टी प्रमुख डिप्टी सीएम नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा था-

एकनाख शिंदे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करेंगे। विधानसभा चुनाव एकनाथ शिंदे के नाम पर लड़े गए। मुख्यमंत्री के तौर पर वापसी उनका हक है। वह डिप्टी चीफ मिनिस्टर का पद स्वीकार नहीं करेंगे।

बुधवार को संकेत मिलने लगे थे कि शिंदे डिप्टी सीएम पद स्वीकार कर सकते हैं। जब यह स्पष्ट हो गया कि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, तो हर किसी के मन में यह सवाल था कि क्या एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री बनेंगे, क्योंकि शिवसेना प्रमुख ने कई संकेत दिए हैं कि वह भाजपा को मुख्यमंत्री पद सौंपने से खुश नहीं हैं।

क्या फडणवीस ने किया राजी

सीएम पद की चर्चाओं और अटकलों के बीच शिंदे और फडणवीस की मुलाकात हुई। मंगलवार शाम को वह शिंदे के आवास वर्षा पहुंचे थे। खास बात है कि इससे 6 दिन पहले ही शिवसेना प्रमुख ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री के साथ मुलाकात की थी। उस समय फडणवीस भी साथ थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस, सरकार में शामिल होने के लिए शिंदे को मनाने पहुंचे थे। साथ ही यह भी कहा जा रहा था कि भाजपा की तरफ से केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाए गए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी भाजपा के विधायक दल के नेता के चुनाव के बाद शिंदे से मिलेंगे। खबरें थीं कि उनकी मौजूदगी में ही पवार शेयरिंग का फॉर्मूला तय होगा।

शिवसेना विधायकों ने किया आग्रह

पीटीआई भाषा के अनुसार, शिवसेना के नवनिर्वाचित विधायकों ने बुधवार को पार्टी अध्यक्ष शिंदे से मुलाकात की और फडणवीस के नेतृत्व में बनने वाली महाराष्ट्र की नई सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने का आग्रह किया। पार्टी विधायकों ने कहा कि वे पिछले दिन से कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिंदे से मुलाकात कर रहे हैं जिससे उन्हें नई सरकार का हिस्सा बनने के लिए मना सकें।दिन भर विधायक शिंदे से मिलने के लिए उनके आधिकारिक आवास वर्षा पहुंचते रहे। पार्टी के विधायक भरत गोगावले ने कहा-

हमने उनसे नई सरकार का हिस्सा बनने का आग्रह किया है क्योंकि इससे पार्टी और सरकार दोनों को फायदा होगा। हमें उम्मीद है कि वह हमारे अनुरोध का सम्मान करेंगे।

पार्टी के एक और नेता ने कहा भी कि सभी विधायक और सांसद चाहते हैं कि शिंदे नई सरकार में शामिल हों।

फडणवीस ने तीसरी बार लीमुख्यमंत्री पद की शपथ

देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई के आजाद मैदान में तीसरी बार राज्य में मुख्यमंत्री की शपथ ली। फडणवीस 2014 में पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद उन्होंने पूरे पांच साल सरकार चलाई थी। 2019 में शिवसेना के अलग होने और एनसीपी से आए अजित पवार के लौट जाने के कारण फडणवीस की सरकार गिर गई थी। वह पांच दिन सीएम रह पाए थे। पहली बार फडणवीस ने वानखेड़े स्टेडियम में शपथ ली, जबकि दूसरी बार राजभवन और तीसरी बार उन्होंने आजाद मैदान में मुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण की।

महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजे आने के लगभग एक पखवाड़े बाद सरकार का गठन हो सका है। लेकिन शपथ ग्रहण के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे सामान्य प्रक्रिया बताते हुए कहा-

गठबंधन सरकार बनने में इतना समय लगना स्वाभाविक होता है। राज्य में पहले भी गठबंधन सरकारें बनते समय इससे अधिक समय लग चुका है।

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