उदयपुर के बाद ये बनेगा झीलों का दूसरा शहर

अभी तक उदयपुर को झीलों का शहर कहा जाता है लेकिन वो दिन दूर नहीं है जब दिल्ली भी झीलों का शहर बन जाएगी। इसके लिए दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने पूरी प्लानिंग भी कर ली है।
दो महीने में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत 159 झीलों को रिवाइव करने के लिए 376 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसके अलावा निलोठी और रोहिणी में 77 करोड़ रुपये से दो बड़ी झीलें बनेंगी। डीजेबी की बोर्ड मीटिंग में भी इस प्लान को मंजूरी मिल गई है।
झीलों की इतनी होगी क्षमता
ये दो बड़ी झीलें बनने के बाद दिल्ली में पांच बड़ी झीलें हो जाएंगी। द्वारका और नजफगढ़ में पहले से झीलें बनना स्वीकृत हो चुका है , इनपर काम भी शुरू हो गया है। वहीं रोहिणी की झील पर 53.85 करोड़ रुपए का बजट आएगा। पूरी झील भरने पर इसकी क्षमता 15 मियन गैलन पानी की होगी। इसी तरह 25 एकड़ में फैली निलोठी झील 23.5 करोड़ रुपये में बनेगी, इसमें 48 एमजी पानी आएगा। नजफगढ़ झील की क्षमता 38 एमजी, द्वारका झील की क्षमता 12.5 एमजी, तितारपुर झील की क्षमता 30 एमजी होगी। इन झीलों से कुल 135 एमजी पानी डीजेबी को मिलेगा। कोशिश है कि झीलों में ज्यादातर पानी बारिश से भरे।
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पानी की समस्या होगी दूर
नए प्रोजेक्ट से कॉलोनियों और लोगों के सीवर व पानी की समस्याएं हल होंगी। डीजेबी के अनुसार अब अनधिकृत पानी के कनेक्शन को रेगुलर करने और नए पानी के कनेक्शन लेने की योजना को भी हरी झंडी मिल गई है। चांदनी चौक रिडिवेलपमेंट प्लान के तहत 750 एमएम सीवरेज लाइन को नए सिरे से डालने के लिए 6 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। फतेहपुर मस्जिद से लालकिला तक डलने वाली इस लाइन का काम छह महीने में पूरा किया जाएगा। वहीं संत नगर व इससे लगती कॉलोनियों में पेरिफेरल सीवर लाइन के लिए 270 करोड़ का बजट पास किया गया है। इस प्रोजक्ट से 5.02 लाख लोगों को फायदा होगा और यमुना में जा रहे प्रदूषित पानी में भी कमी आएगी।
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