अब नोटों के जरिए भी हो सकता है कोरोना इंफेक्शन, आरबीआई ने दिए ये सुझाव

कोरोना को लेकर मामले धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में WHO ने बताया है कि नोट, क्रेडिट व डेबिट कार्ड की वजह से भी कोरोना वायरस फैल सकता है। इस बीमारी को भारत में रोकने के लिए जरूरी है कि इन सभी विकल्पों पर जल्द से जल्द ध्यान दि जाए। इसलिए आरबीआई ने बिना संपर्क में आने वाले पेमेंट सिस्टम जैसे यूपीआई, मोबाइल वॉलेट और नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करने की सलाह दी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी ये जानकारी
WHO ने कहा कि बिना संपर्क के होने वाले डिजिटल भुगतान के जरिये इस बीमारी के खतरे को कम करने में मदद मिलेगी। WHO के मुताबिक नोवल कोरोना वायरस कई दिनों तक सतह पर भी सक्रिय रह सकता है। ऐसे में नगद लेन-देन से ये खतरा और भी बढ़ सकता है। WHO ने कॉन्टैक्ट लेस पेमेंट का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है।
यह खबर भी पढ़ें- कोरोना महामारी: जनता कर्फ्यू के बीच लिए गए ये सबसे बड़े फैसले
आरबीआई ने भी दिया डिजिटल लेन-देन करने का सुझाव
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भी ये सुझाव दिया है कि 'जनता नकदी लेन-देन से बचे और ज्यादा से ज्यादा डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करें। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई के मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल ने बताया कि नकद राशि भेजने या बिल का भुगतान करने के लिए भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने की भी जरूरत हो सकती है और इसके लिए दो लोगों में संपर्क भी होता है जिससे फ़िलहाल बचने की ज़रूरत है।" आरबीआई से पहले अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) ने इसपर चिंता जताई थी और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ये संदेश दिया था कि कागज़ से बने करेंसी नोट महामारी बन चुके कोरोना वायरस को फैलाने में मददगार बन रहे हैं।
चीन व दक्षिण कोरिया में नोटों की सफाई का काम शुरू
चीन व दक्षिण कोरिया में जब नोटों व सिक्कों की सफाई का काम शुरू हुआ था तो यही सवाल सामने आया कि क्या करेंसी से भी बीमारी फैलती है। इसपर चीन ने 2003 में फैली SARS महामारी के समय हुए एक रिसर्च के बारे में बताया। ये रिसर्च अमरीका में हुई एक स्टडी में सामने आया था कि वायरस कागज़ को 72 घंटे तक और कपड़े को 96 घंटे तक संक्रमित रख सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ये कहा है कि अगर आप संक्रमित नकदी के संपर्क में आते भी हैं, तो उसे लेने या देने के बाद अपने हाथ को ठीक तरीके से साफ कीजिए। WHO के मुताबिक 'जिन देशों में कोरोना वायरस संक्रमण फैला है, वहां के करेंसी नोट या सिक्के हाथ में लेने के बाद, अपने चेहरे, मुंह, नाक, कान या आँख को ना छुएं।
यह खबर भी पढ़ें- कनिका कपूर के बाद कोरोना पर योगी सरकार की पैनी नज़र
एक नोट में होते हैं कई सारे बैक्टीरिया
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने 2012 में एक रिसर्च की थी जिसके मुताबिक एक नोट में करीब 26 हजार बैक्टीरिया होते हैं जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर ने कहा कि सरकार को तुरंत कागज की करेंसी को सैनिटाइज करना चाहिए। उन्होंने ये भी सुझाव दिया कि अल्ट्रावायलेट लाइट, डिस इनफिकेंट से सैनिटाइज किया जा सकता है। बाकी देशों ने इस पर काम शुरू कर दिया है।
डेबिट व क्रेडिट कार्ड भी नहीं हैं सुरक्षित
करेंसी के अलावा डेबिट व क्रेडिट कार्ड का जो लोग इस्तेमाल करते हैं उन्हें भी सतर्कता बरतने की जरूरत है क्योंकि ये कार्ड प्लास्टिक के बने होते हैं और वायरस 24 घंटे तक जिंदा रह सकता है। जब आप मशीन में कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो भी वायरस इसपर आ सकता है। इसलिए कोशिश करें कि इनका इस्तेमाल न करें और अगर करें तो हाथों व कार्ड को तुरंत सैनिटाइज करें। इस तरह से खतरा कम हो सकता है।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
