कोरोना का असर: दस रुपए किलो बिका मुर्गा, अंडे के दाम भी गिरे
चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस अब दुनिया के 122 देशों तक पहुंच गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। भारत में अब तक इससे 81 लोग संक्रमित हो चुके हैं और दो लोगों की मौत भी हो चुकी हैं। वहीं दुनिया भर में अब तक 4600 लोगों की मौत हो चुकी हैं। लेकिन इन सबके साथ कुछ ऐसे भी सेक्टर हैं जिनको इस वायरस के खौफ ने तहस नहस कर दिया है। आम आदमी के सेहत, रहन-सहन से लेकर उसकी रोजी रोटी पर भी इसका असर दिख रहा है।
कोरोना की दहशत की वजह से लोगों ने खान-पान में भी परहेज करना शुरू कर दिया है जिसके चलते मुर्गे के बाजार को भी झटका लगा है। जहां पहले चिकन 120-130 रुपए किलो में बिकता था वही अब 20 से 40 रुपए किलो में बिक रहा है। यानि आलू, प्याज से भी ज्यादा सस्ता।
रायबरेली के हरचंदपुर पोल्ट्री फार्म व्यवसायी सुजीत बताते हैं, अब तो आलम ये है कि 10 रुपए किलो तक में मुर्गा बेचना पड़ रहा है। फ्री तक में कोई नहीं ले जाने को तैयार है। हमारे फार्म में 4000 मुर्गे हैं और लगभग 4 लाख का नुकसान हो चुका है। उन्होंने ये भी बताया कि कंपनियां जो पोल्ट्री फार्म खुलवाती हैं वो एक किलो पर छह रुपए देती हैं लेकिन फार्म से माल की सप्लाई ही नहीं हो रही तो पैसे की बात ही खत्म। पोल्ट्री में एक चूजे से दो किलो की मुर्गा बनने का समय 40 से 45 दिन तक का होता है। वहीं 40 दिन में एक चूजा 75 रुपये की खुराक खा जाता है लेकिन अब इनकी खुराक महंगी पड़ रही है।
यह भी पढ़ें : कोरोना वायरस: जानिए कैसे कोई बीमारी घोषित होती है महामारी?
लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने पहले ही आदेश दे दिए थे कि बिना लाइसेंस के कोई भी मांस-मछली नहीं बेच पाएगा। कोरोना वायरस न फैले, इसे सुनिश्चित करने के लिए खुले में मीट, सेमी कूक्ड मीट और मछली की बिक्री पर बैन लगा है। साथ ही होटल और रेस्टोरेंट में साफ-सफाई और हाइजिन का ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं।
दुकानों पर सन्नाटा, नहीं मिल रहे ग्राहक
पोल्ट्री फार्म पर जहां मुर्गा खरीददारों की लाइन लगी होती थी आज वहां सन्नाटा छाया है। लखनऊ पोल्ट्री फेडरेशन के अध्यक्ष अकबर अली ने बताया कि पूरा धंधा चौपट हो गया है, 75 फीसदी से ज्यादा की गिरावट हुई है। सिर्फ चिकन ही नहीं अंडा और सीड, दवा सभी का बाजार ठप्प हो गया है। मक्के के दाम में भी गिरावट आई है। जबकि इस बात की अभी कोई पुष्टि भी नहीं हुई है कि चिकन खाने से कोरोना हो सकता है न ही कोई ऐसा केस सामने आया है। ऐसे ही रहा तो बहुत जल्दी ही व्यापारी पोल्ट्री फार्मिंग छोड़ देंगे क्योंकि इतना नुकसान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। एक ब्रायलर जो पहले 120 ये 130 रुपए किलो में बिकता है वो अब 4 से 5 रुपए में बिक रहे हैं।
अंडे के दामों में भी गिरावट
अंडे के दामों में भी गिरावट हुई है। पांच रुपये में बिकने वाला अंडा अब साढ़े चार रुपये में बिक रहा है। थोक रेट में और भी कमी आई है। 140-150 रुपये वाली अंडे की ट्रे की अब कीमत 105-110 रुपये है। लखनऊ के अंडा विक्रेता इरशाद बताते हैं, पहले से कस्टमर तो कम ही हुए हैं, सोशल मीडिया पर मैसेज और अफवाह के बाद सबसे ज्यादा असर हम जैसे व्यापारियों पर ही पड़ा है।
यह भी पढ़ें : आपको भी लग रहा है कोरोना वायरस से डर? पढ़ें ये खबर
चिकन खाने से क्या सच में हो सकता है कोरोना
अब सवाल ये है कि जिस कोरोना ने पोल्ट्री व्यवसाय को तहस नहस कर दिया है क्या सच में वो इस वायरस के लिए उत्तरदायी है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ राजन शर्मा ने बीबीसी के एक इंटरव्यू में बताया कि चिकन खाने से कोरोना वायरस होने जैसी बातें सच नहीं हैं। भारत में जैसे खाना पकाया जाता है, उससे किसी वायरस के बचने की संभावना कम ही है। चिकन या अंडा खाने से कोई दिक़्क़त नहीं है, ये सिर्फ अफवाह है।
वहीं पशुपालन आयुक्त प्रवीण मलिक ने पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के सलाहकार को पत्र लिखा जिसमें कहा गया है कि मुर्गी में कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं पाया गया। केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय ने भी यही कहा कि चिकन सुरक्षित है। अभी तक कोरोना के किसी भी रिपोर्ट में चिकन को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...