चांद पर उगाए गए कपास के बीज, अब आलू उगाने की तैयारी

खेती की तकनीकों का नया इस्तेमाल चांद पर भी काम कर गया है। चंद्रमा के दूसरी ओर के हिस्से में उतरने वाले चीन के अंतरिक्ष यान चांग ई-4 वहां कपास के बीज लेकर गए थे, जिसने उगना शुरू कर दिया है। इस बीज का आकार लगातार बढ़ रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है जब चांद पर कोई बीज उगा हो। इसे जीव विज्ञान के लिहाज से चांद पर संभावनाएं तलाशने की दिशा में बड़ी सफलता माना जा रहा है।
चोंगकिंग विश्वविद्यालय के एडवांस्ड टेक्नोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूट से जारी तस्वीरों के मुताबिक चांग ई-4 के इस महीने चंद्रमा पर उतरे थे। उन्होंने यह बीज कनस्तर के भीतर मौजूद जालीनुमा ढांचे में डाला था जो अब पनपा है। चोंगकिंग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने हवा, पानी और मिट्टी से मिला 18 सेंटीमीटर का एक बाल्टीनुमा डिब्बा भेजा था। इसके अंदर कपास, आलू और सरसों के एक-एक पौधे के बीज के साथ-साथ फ्रूट फ्लाई के अंडे और ईस्ट भेजे गए।

खबरों के मुताबिक, अंतरिक्षयान से बीज के पनपने की तस्वीरें भेजी गई हैं, जिनमें दिख रहा है कि कपास का अंकुर अच्छे से विकसित हो रहा है, जबकि बाकी पौधों के बीजों ने पनपना शुरू नहीं किया है। हालांकि चीन को उम्मीद है कि जल्द ही आलू का बीज भी अंकुरित हो जाएगा। अंतरिक्ष के क्षेत्र में महाशक्ति बनने की चीन की महत्वाकांक्षा बढ़ाते हुए चांग ई-4 तीन जनवरी को चंद्रमा के सबसे दूर के हिस्से में उतरा और प्राकृतिक उपग्रह के कभी न देखे गए हिस्से तक पहुंचने वाला विश्व का पहला अंतरिक्ष यान बन गया।
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