
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025 के केंद्रीय बजट में बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा की है। यह पहल मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने, किसानों की आय में वृद्धि करने और इस उद्योग के व्यापक विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है।
बिहार: मखाना उत्पादन का प्रमुख केंद्र
बिहार, विशेष रूप से मिथिला क्षेत्र, मखाना उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। राज्य के प्रमुख मखाना उत्पादक जिले दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, सुपौल और पूर्णिया हैं। मखाना बोर्ड की स्थापना से इन क्षेत्रों के किसानों को आधुनिक तकनीकी सहायता, बेहतर विपणन सुविधाएं और उचित मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
आर्थिक और व्यावसायिक महत्व
मखाना केवल स्वास्थ्यवर्धक भोजन नहीं है, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। मखाना बोर्ड की स्थापना से न केवल उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि निर्यात के अवसर भी बढ़ेंगे, जिससे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा। यह पहल किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाला मखाना उपलब्ध कराने में मदद करेगी।
बिहार में मखाना उत्पादन के आंकड़े
- वित्त वर्ष 2021-22 में बिहार में मखाना की खेती का क्षेत्रफल 35,224 हेक्टेयर था, जिससे 23,656 टन मखाना का उत्पादन हुआ।
- 2012-13 में यह क्षेत्रफल 13,000 हेक्टेयर था और उत्पादन 9,360 टन था। यह दर्शाता है कि क्षेत्रफल में 171% और उत्पादन में 152% की वृद्धि हुई।
- प्रमुख मखाना उत्पादक जिले: दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, सुपौल, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, मधेपुरा और खगड़िया।
भारत में मखाना उत्पादन
बिहार के अलावा, उत्तर प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और ओडिशा में भी मखाना की खेती की जाती है। हालांकि, भारत के कुल मखाना उत्पादन का लगभग 90% बिहार में होता है। मखाना की बढ़ती मांग को देखते हुए अन्य राज्यों में भी इसकी खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
मखाना: स्वास्थ्य के लिए एक सुपरफूड

मखाना, जिसे फॉक्स नट्स या कमल के बीज के रूप में भी जाना जाता है, भारतीय आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल उपवास के दौरान एक पसंदीदा स्नैक है, बल्कि इसके पोषक तत्व और स्वास्थ्य लाभ इसे एक सुपरफूड बनाते हैं।
मखाने के प्रमुख स्वास्थ्य लाभ
- पोषक तत्वों से भरपूर: मखाना प्रोटीन, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, आयरन और जिंक का उत्कृष्ट स्रोत है। इसमें बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन, विटामिन ई और विटामिन के भी पाए जाते हैं।
- वजन प्रबंधन में सहायक: मखाना कम कैलोरी वाला स्नैक है, जो वजन घटाने में मदद करता है। इसकी उच्च फाइबर सामग्री भूख को नियंत्रित करने में सहायक होती है।
- हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा: मखाना में कम सोडियम और अधिक पोटेशियम होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक है।
- मधुमेह प्रबंधन: मखाना का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- पाचन तंत्र के लिए लाभकारी: मखाना में मौजूद उच्च फाइबर सामग्री पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में सहायक होती है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करती है।
मखाना न केवल भारत के आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि इसका उत्पादन और व्यापार देश की अर्थव्यवस्था में भी बड़ा योगदान देता है। बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि इस उद्योग को वैश्विक स्तर पर पहचान भी मिलेगी। आने वाले वर्षों में, मखाना की खेती और प्रसंस्करण में और अधिक नवाचार देखने को मिल सकते हैं, जिससे यह सुपरफूड भारतीय कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।