बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने औपचारिक रूप से भारत से पूर्व प्रधानमंत्री Sheikh Hasina के प्रत्यर्पण की मांग की है। शेख हसीना अगस्त 2024 में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद भारत चली गई थीं। अंतरिम सरकार का आरोप है कि उनके शासनकाल के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध हुए हैं, जिनकी न्यायिक प्रक्रिया के लिए उनकी वापसी आवश्यक है।
बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने बताया कि भारत को एक औपचारिक नोट भेजकर शेख हसीना को वापस भेजने का अनुरोध किया गया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस अनुरोध की पुष्टि की है, लेकिन इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
शेख हसीना के बेटे, सजीब वाजेद, ने इस कदम की आलोचना करते हुए इसे राजनीतिक उत्पीड़न करार दिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार न्यायपालिका का दुरुपयोग कर रही है और उन्हें बांग्लादेश की न्याय प्रणाली पर भरोसा नहीं है।
भारत और बांग्लादेश के बीच 2013 में प्रत्यर्पण संधि हुई थी, लेकिन इसमें राजनीतिक अपराधियों को शामिल नहीं किया गया है। इसलिए, भारत के लिए शेख हसीना को प्रत्यर्पित करना कानूनी और राजनीतिक दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
इस मामले ने भारत और बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक संबंधों में तनाव पैदा कर दिया है। भारत के लिए यह निर्णय महत्वपूर्ण होगा कि वह शेख हसीना को प्रत्यर्पित करता है या नहीं, क्योंकि इससे दोनों देशों के संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।