बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता जाने के बाद से अल्पसंख्यकों पर हमले की 88 घटनाएं हुई हैं। इनमें से अधिकतम घटनाएं हिंदू अल्पसंख्यकों से जुड़ी हैं। न्यूज एजेंसी के अनुसार, अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने ये जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि उन घटनाओं को लेकर 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस बीच भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने बांग्लादेश को लड़ाकू विमान राफेल की धमकी दी है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर सुवेंदु अधिकारी ने कहा-
“यदि बांग्लादेश ने अपना रवैया नहीं बदला तो भारत जानता है कि उसे कैसे निपटना है। पश्चिम बंगाल के हासीमारा में 40 फाइटर जेट खड़े हुए हैं, बांग्लादेश में सिर्फ दो राफेल भेजना ही काफी है।”
सुवेंदु बांग्लादेश बॉर्डर के पास पश्चिम बंगाल के बशीरहाट में रैली कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा-
“बांग्लादेश कोलकाता पर कब्जा करने की धमकी न दे। वे भारत पर निर्भर हैं। यदि भारत ने बिजली भेजना बंद कर दिया तो बांग्लादेश में अंधेरा छा जाएगा।”
भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने बांग्लादेशी अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने अल्पसंख्यकों पर हमले की घटनाओं पर चिंता जताई थी। इस बैठक के एक दिन बाद बांग्लादेश की ओर से ऐसे हमलों की संख्या के बारे में जानकारी दी गई।
मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव ने साझा की जानकारी
शफीकुल आलम ने बताया कि 5 अगस्त से 22 अक्टूबर के बीच अल्पसंख्यकों से जुड़े 88 मामले दर्ज हुए हैं। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर सुनामगंज, मध्य गाजीपुर और अन्य क्षेत्रों में हिंसा की ताजा खबरें सामने आने के कारण गिरफ्तारियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। आलम ने ये भी कहा कि इन घटनाओं के कुछ पीड़ित पूर्व सत्तारुढ़ पार्टी (बांग्लादेश आवामी लीग) के सदस्य हो सकते हैं। हालांकि, बांग्लादेशी सरकार ने कहा कि कुछ घटनाओं को छोड़कर, हिंदुओं को उनकी आस्था के कारण निशाना नहीं बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि कुछ हमले, पहले वाली सरकार से जुड़े नेताओं को टारगेट करके किया गया था, या विवाद किसी व्यक्तिगत कारण से उपजे थे। इसके बावजूद, क्योंकि हिंसा हुई है, इसलिए पुलिस आवश्यक कार्रवाई कर रही है। आलम ने ये भी संकेत दिया कि 22 अक्टूबर के बाद हुई घटनाओं की जानकारी भी जल्द ही दी जा सकती है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान सुवेंदु अधिकारी द्वारा कही गई मुख्य बातें
“बांग्लादेश, भारत पर निर्भर है न कि भारत, बांग्लादेश पर। भारत अगर 97 उत्पाद न भेजे तो बांग्लादेश को चावल और कपड़े नहीं मिलेंगे।”
“बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ बंद होनी चाहिए। 16 दिसंबर को इस संबंध में एक बड़ी बैठक की जाएगी।”
मोहम्मद यूनुस की सरकार पर गंभीर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा-
“यूनुस की सरकार कोई सरकार नहीं है, वो चरमपंथी, कट्टरपंथी और मानवता विरोधी है।”
सुवेंदु अधिकारी ने यूनुस की सरकार की तुलना तालिबान से की है। उन्होंने आगे कहा कि यूनुस की सरकार ने शेख हसीना की वैध सरकार को हटा दिया है। उन्होंने इस बात पर विश्वास जताया कि बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार फिस से वापस आएगी। उन्होंने कहा कि शेख हसीना एक दिन प्रधानमंत्री के रूप में हवाई अड्डे पर उतरेंगी और यूनुस सरकार को सलामी के साथ उनका स्वागत करना होगा।
अधिकारी ने बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति को लेकर भी चिंता जताई। आरोप लगाया कि वहां हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने कहा-
“बंगाली हिंदू डर के साये में जी रहे हैं। हमने बांग्लादेश बनाया और इसके लिए 17,000 भारतीय सैनिकों ने अपनी जान दी। आज बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। पूरी दुनिया का हिंदू समुदाय उनकी रक्षा के लिए एकजुट है।”
देशभर में बांग्लादेश के खिलाफ प्रदर्शन
बांग्लादेश में हिंदुओं और मंदिरों पर हो रहे हमले के खिलाफ देशभर में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हिंसा के विरोध में त्रिपुरा और कोलकाता के अस्पताल बांग्लादेशियों का इलाज करने से मना चुके हैं।
आइए जानते हैं कि कैसे शुरू हुए बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले
बांग्लादेश में अगस्त में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। कई मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया गया था। हालिया हिंसा ढाका में इस्कॉन के पूर्व प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभ की देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई। उन पर चटगांव के न्यू मार्केट में आजादी स्तंभ पर लगे नेशनल फ्लैग के ऊपर भगवा ध्वज फहराने का आरोप था। इस ध्वज पर सनातनी लिखा हुआ था। 26 नवंबर को चटगांव कोर्ट में चिन्मय की पेशी के समय हंगामा हुआ। इसी दौरान एक वकील की मौत हो गई। इसके बाद से हिंसा जारी है।