जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव के लिए नेशनल कान्फ्रेंस (एनसी) के साथ गठबंधन करने वाली कांग्रेस से गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ सवाल पूछे हैं। साथ ही शाह ने आरोप लगाए है कि कांग्रेस सत्ता के लोभ में बार-बार देश कि एकता और सुरक्षा को खतरे में डालने का काम कर रही है। गृह मंत्री ने एक्स पर अपनी पोस्ट के जरिये कांग्रेस और नेता राहुल गांधी से कुछ सावल पूछे है।
शाह ने पूछा कि क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर के लिए प्रथक झंडे के नेशनल कान्फ्रेंस के वादे का समर्थन करता है, क्या राहुल गांधी व उनकी कांग्रेस अनुच्छेद 370 और 35 ए बहाल करने नेशनल कांफ्रेस के वादे का समर्थन करते हैं और ऐसा करते हुए क्या वे जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के दौर में धकेलना चाहते हैं। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधान सभा चुनाव के लिए सभी 90 सीटों पर गठबंधन करने का ऐलान किया है। ये दोनों वादे नेशनल कान्फ्रेंस के चुनावी घोषणा पत्र का हिस्सा है।
शाह ने कहा कि कांग्रेस ने अब्दुल्ला परिवार कि पार्टी के साथ गठजोड़ कर एक बार फिर अपना असली चेहरा उजागर कर दिया है। शाह ने कांग्रेस से सवाल किया कि क्या वह कश्मीर के युवाओं के बजाय पाकिस्तान के साथ बात-चीत में शामिल होकर फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देना चाहती है। नेशनल कांफ्रेंस बार-बार पाकिस्तान के साथ सीमा पार व्यापार को फिर से स्थापित करने कि वकालत कर रही है। शाह के कांग्रेस से सवालों में यह भी शामिल है कि क्या वह आतंकवाद और पत्थरबाजी में शामिल लोगों के स्वजन को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को फिर लाने का समर्थन करती है। क्या कांग्रेस दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कर फिर से उनके साथ अन्याय करने के नेशनल कांफ्रेंस के वादे के साथ है। दरअसल दलितों, पिछड़ों को आरक्षण समेत कई योजनाएं जम्मू-कश्मीर में सिर्फ इसलिए बहाल हो पाई हैं क्योंकि वहां से विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो गया और अब पूरी तरह भारतीय संविधान लागू है।
शाह ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि शंकराचार्य पर्वत तख्त-ए-सुलेमान और हरी पर्वत कोह-ए-मारन के नाम से जाने जाए। अमित शाह ने कॉंग्रेस से ये भी पूछा क्या वह जम्मू-कश्मीर कि अर्थव्यवस्था को एक बार फिर भ्रष्टाचार कि आग में झोंककर पाकिस्तान समर्थित गिने-चुने परिवारों के हाथों में सौपने का समर्थन करती है। साथ ही गृह मंत्री ने कांग्रेस और राहुल गांधी से यह भी जानना चाहा कि वे कश्मीर को स्वायत्तता देने की नेशनल कान्फ्रेंस की विभाजनकारी सोच व नीतियों का समर्थन करते हैं और क्या वे नेशनल कांफ्रेस के जम्मू और कश्मीर घाटी के बीच भेद भाव कि राजनीति का समर्थन करते हैं।