यदि आप एंबुलेंस का रास्ता रोकते हैं तो हो जाएं सावधान, जेल के साथ चुकाना पड़ सकता है भारी जुर्माना

शहरों में बढ़ते ट्रैफिक जाम के कारण एंबुलेंस और अन्य इमरजेंसी वाहनों को कई बार रास्ता नहीं मिल पाता है, जिससे गंभीर मरीजों की जान पर बन आती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर कोई जानबूझकर एंबुलेंस का रास्ता रोकता है तो उसे न सिर्फ भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है, बल्कि जेल भी हो सकती है? आइये इस आर्टिकल के माध्यम समझते हैं एंबुलेंस को लेकर नियम कायदे और कानून।

यातायात नियमों के तहत सख्त सजा

भारत में मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 की धारा 194E के मुताबिक, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड या किसी अन्य इमरजेंसी वाहन का रास्ता रोकना एक गंभीर अपराध है। ऐसा करने पर 10,000 रुपये का जुर्माना या 6 महीने तक की जेल या दोनों हो सकते हैं।

एंबुलेंस को रास्ता देना क्यों जरूरी है?

एंबुलेंस में सफर करने वाले मरीजों की स्थिति बेहद नाजुक हो सकती है। अगर उन्हें समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया गया, तो उनकी जान भी जा सकती है।


  • सड़क पर एंबुलेंस का साइरन बजाने का मतलब है कि आपको तत्काल रास्ता देना चाहिए।

  • कुछ लोग ट्रैफिक में फंसी एंबुलेंस के पीछे अपनी गाड़ी लगाकर फायदा उठाने की कोशिश करते हैं, जो एक गंभीर अपराध है।

जब एंबुलेंस का रास्ता रोकना पड़ा महंगा!

  • दिल्ली (2023): ट्रैफिक में एंबुलेंस का रास्ता रोकने पर एक कार चालक पर ₹10,000 जुर्माना और 3 महीने के लिए लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया।
  • मुंबई (2022): बांद्रा में बाइक सवार ने जानबूझकर एंबुलेंस का रास्ता रोका, CCTV फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया गया और 6 महीने की सजा सुनाई गई।
  • बेंगलुरु (2021): कार चालक ने लेन नहीं छोड़ी, जिससे मरीज की हालत बिगड़ गई। कोर्ट ने चालक पर जुर्माने के साथ सामुदायिक सेवा का आदेश दिया।

ध्यान रखें: एंबुलेंस को रास्ता देना सिर्फ कानून नहीं, इंसानियत का फर्ज भी है!

क्या करें जब एंबुलेंस दिखे?

  • साइरन सुनते ही अपने वाहन को साइड करें और एंबुलेंस को प्राथमिकता दें।

  • अगर ट्रैफिक सिग्नल रेड है और एंबुलेंस पीछे है, तो सावधानी से आगे बढ़कर रास्ता दें।

  • कभी भी लेन में रुककर या धीरे चलकर एंबुलेंस को बाधित न करें।

रास्ता न देने पर क्या होगा?

  • पहली बार गलती पर चेतावनी या चालान।

  • बार-बार नियम तोड़ने पर ड्राइविंग लाइसेंस रद्द हो सकता है।

  • सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गाड़ी का नंबर ट्रेस कर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

देश में ट्रैफिक नियमों को लेकर क्या हो रहे हैं प्रयास?

कई राज्यों में ‘ग्रीन कॉरिडोर’ बनाया जाता है, जिससे गंभीर मरीजों को बिना किसी रुकावट के अस्पताल पहुंचाया जा सके।
यातायात पुलिस लगातार अभियान चला रही है ताकि लोग एंबुलेंस को रास्ता देने के प्रति जागरूक हो सकें।
कुछ शहरों में स्मार्ट ट्रैफिक लाइट्स सिस्टम लागू किया जा रहा है, जिससे इमरजेंसी वाहनों के आते ही सिग्नल अपने आप ग्रीन हो जाए।

Zeen is a next generation WordPress theme. It’s powerful, beautifully designed and comes with everything you need to engage your visitors and increase conversions.