दिवाली के त्योहार पर छुड़ाये गए पटाखों से हवा का स्तर खराब हो गया है स्थिति ये हैं कि लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। इनमें ज़्यादातर संख्या बुजुर्गों की है। देश के अलग-अलग शहरों में ये स्थिति बनी हुई है। केंद्रीय नियंत्रण बोर्ड के अनुसार देश के 99 शहरों में वायु की गुणवत्ता खराब है। हालांकि ये कोई नई बात नहीं है ये स्थिति हर साल दिवाली के समय अक्टूबर-नवंबर के बीच रहती है। जानकारों की माने तो हवा का स्तर खराब होने की वजह सिर्फ दिवाली पर पटाखे छुड़ाना ही नहीं है इसकी सबसे बड़ी वजह है पारली का जलाना। पारली जलाने से सबसे ज्यादा हवा का स्तर खराब होता है।
आज दिल्ली में AQI की स्थिति बेहद खराब हो गई आज सुबह 7.00 बजे दिल्ली का AQI 294 रिकार्ड किया गया। आइये आपको देश के अन्य शहरों की भी AQI स्थिति से अवगत कराते है…..
शहर | एक्यूआई |
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अंबाला (हरियाणा) | 367 |
अमृतसर (पंजाब) | 350 |
दिल्ली | 339 |
हाजीपुर (बिहार) | 332 |
खुर्जा (यूपी) | 320 |
मुरादाबाद (यूपी) | 320 |
बीकानेर (राजस्थान) | 312 |
गुरुग्राम (हरियाणा) | 309 |
गाजियाबाद (यूपी) | 306 |
कुरुक्षेत्र (हरियाणा) | 306 |
लखनऊ (यूपी) | 306 |
आपको बताते चलें कि सर्दियों के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों खास करके दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण अपने चरम पर होता है। इसका मुख्य कारण है- पराली का जलाया जाना, फैक्ट्री से निकलने वाले धुएं, कचरों का जलना और कंस्ट्रक्शन वर्क से निकलने वाला धुआं. प्रतिकूल हवाओं के बहने की वजह से सर्दियों में प्रदूषित हवाएं शहर के ऊपर ही डेरा जमा लेती हैं। इसकी वजह से शहरें धुंध के साथ-साथ प्रदूषित हवाओं की चैंबर बन जाती हैं। साथी सर्दी के शुरुआत के समय ही दिवाली और छठ पूजा होता है, त्योहार पर बड़े स्तर पर आतिशबाजी होती हैं और पटाखे फोड़े जाते हैं। इसके वजह से वायु गुणवत्ता और भी खराब हो जाती हैं।