स्कूल खोलने के पक्ष में एम्स डायरेक्टर की राय, कहा- बच्चों के भविष्य का रखा जाए ध्यान
देश में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के मामले धीरे-धीरे तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार की तरफ से सख्ती बरती जा रही है। वहीं, कई राज्यों में एक सितम्बर से कक्षा से एक से पांचवीं तक के भी स्कूल खोल दिए गए है। स्कूलों के खुलने के बाद अब सबको तीसरी लहर की आशंका सताने लगी है। सरकारों के इस फैसले के बाद से एक बार फिर से विशेषज्ञों, छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच बहस शुरू कर दी गई है। ऐसे में कहा जा रहा है कि बिना वैक्सीनेट के बच्चे स्कूल कैसे जा सकते हैं। लगातार चल रही बहस के बीच में एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत में सभी बच्चों को टीकाकरण करने में अभी नौ महीने तक का समय लग सकता है। ऐसे में इतने लंबे समय तक बच्चों के भविष्य के साथ में खिलवाड़ बिल्कुल ही नहीं किया जा सकता है। बच्चों के विकास के लिए स्कूलों का खुलना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि बच्चों के लिए शारीरिक संपर्क अहम है।
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स्कूलों को खोलने पर एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि उन जगहों पर स्कूल खुल सकते हैं जहां पर फिलहाल अभी कोरोना के मामले बहुत ही कम हैं। एम्स डायरेक्टर गुलेरिया ने बताया कि सभी बच्चों के पास में ऑनलाइन पढ़ने की सुविधा नहीं होती और ना ही उस तरह का माहौल होता है। ऐसे में बच्चों के लिए स्कूल खोलना बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि करीब-करीब स्कूलों में सभी टीचरों को वैक्सीन लग चुकी है, अब वहां की हालत सबसे ज्यादा अनुकूल मानी जा रही है। एम्स के निदेशक ने सभी टीचर स्टाफ से अपील की है कि वे खुद आगे आकर टीका लगवाएं। इस संबंध में डॉ गुलेरिया ने स्कूल प्रशासन से लंच ब्रेक और अन्य किसी भी समय भीड़ नहीं जुटने देने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि इसका हमें पूरा ख्याल रखना होगा कि स्कूल में पढ़ाई के दौरान बच्चे सोशल डिस्टेंसिंग का अच्छी तरह से पालन कर रहे हैं या नहीं।
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