
अमेरिका के स्टेट यूटाह में स्थित वेस्टमिंस्टर कॉलेज छात्रों के लिए ‘हार्डकोर’ पॉर्नोग्राफी पर कोर्स को शामिल करने जा रहा है। इस कोर्स में छात्र अपने टीचर्स के साथ बैठकर पॉर्न फिल्में देखेंगे। कॉलेज के अधिकारियों ने बताया है कि यह कोर्स नया नहीं है। उन्होंने पहले भी कई बार पाठ्यक्रम की पेशकश की थी, लेकिन महामारी की वजह से उसे टाला जा रहा था। अकादमिक सेशन 2022-2023 के दौरान पॉर्न क्लास शुरू की जाएगी। अभी तक कोर्स में 16-17 छात्रों ने रजिस्टर कर लिया है।
हालांकि, कॉलेज के इस फैसले की दुनियाभर में काफी आलोचना की जा रही है। वहीं, यूटाह के नागरिक भी कॉलेज द्वारा पेश किए गए इस कोर्स के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कोर्स को बंद करवाने के लिए एक पेटिशन भी शुरू किया है। change.org के नाम से शुरू किए गए इस पेटिशन में कहा गया है कि ‘पॉर्नोग्राफी शैक्षिण मूल्यों से बहुत दूर है और क्लास में इसकी कोई जगह नहीं है।’
क्यों शुरू किया जा रहा है पॉर्नोग्राफी कोर्स?
यूएसए टुडे की रिपोर्ट के अनुसार यूटाह की साल्ट लेक सिटी में वेस्टमिंस्टर कॉलेज ने ‘फिल्म 3000’ नाम का एक कोर्स शुरू किया है। कोर्स में हार्डकोर पॉर्न पर पूरा एक सब्जेक्ट है। कॉलेज ने कोर्स का डिसक्रिप्शन देते हुए कहा गया है कि “हार्डकोर पॉर्नोग्राफी ऐप्पल पाई की तरह ही अमेरिकी है और फ़्राइडे-नाइट-फ़ुटबॉल के मुक़ाबले, ज़्यादा पॉपुलर हैं। हम इस बिलियन-डॉलर इंडस्ट्री को एक सांस्कृतिक प्रक्रिया के रूप में देखते हैं, जो यौन असमानताओं को दिखाती है और मज़बूत करती है (लेकिन साथ ही सेक्शुअल और जेंडर नॉर्म्स को चुनौती देने की क्षमता रखता है)। इसीलिए एक कला के रूप में इस मुद्दे पर गंभीर बातचीत की गुंजाइश है। और, ज़रूरत है। हम एक साथ पॉर्न फ़िल्म्स देखेंगे और नस्ल, वर्ग और लिंग के सेक्शुअलाइज़ेशन और एक प्रयोगात्मक-रैडिकल कला के रूप में उस पर चर्चा करेंगे।”
वेबसाइट से हटाया गया कोर्स
ट्विटर पर विवाद के बाद कॉलेज ने वेबसाइट से कोर्स का नाम हटा लिया है। लेकिन स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक़, इस कोर्स को केवल कॉलेज की वेबसाइट से हटाया गया है, सिलेबस से नहीं। वेस्टमिंस्टर कॉलेज की चीफ़ मार्केटिंग अफ़सर शीला यॉर्किन ने कहा, “हम इस क्लास को नहीं हटाएंगे। कैंपस समुदाय अकादमिक स्वतंत्रता और जटिल विषयों पर खुलकर संवाद करने की परंपरा का समर्थन करता है। हमने इस कोर्स के लिए एक ट्रेन्ड प्रोफेसर को रखा है, जिसने इस तरह की और क्लासेज़ को पढ़ाया है। उनके पास बहुत अच्छा अनुभव है। अगर कोई छात्र असहज महसूस करता है, तो उसे कमरे और कोर्स से बाहर निकलने की पूरी छूट है और उसके लिए कोई अकादमिक सज़ा नहीं है।”
गौरतलब है कि जहां अमेरिका का एक कॉलेज सेक्स एजुकेशन के लिए कोर्स की पेशकेश पर आलोचना का सामना कर रहा है वहीं, सेक्स एजुकेशन के लिए भारत में मिनीमम बातें होती है। इसे लेकर कोई फॉर्मल सिस्टम भी नहीं है। वहीं, सेक्स एजुकेशन के नाम पर नज़रें चुराता हमारा देश पॉर्न बैन होने के बावज़ूद दुनिया का तीसरा सबसे अधिक पॉर्न देखने वाला देश है।