
“हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने सिर्फ मंदिर नहीं तोड़े, बल्कि मंदिर भी बनवाए थे। छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच लड़ाई हिंदू-मुसलमान के कारण नहीं थी, बल्कि सत्ता के लिए थी। अगर औरंगजेब हिंदुओं के खिलाफ होता, तो उसके शासन में 34% हिंदू अधिकारी कैसे होते?1857 की क्रांति में मंगल पांडे ने जब अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया, तो सबसे पहले मुसलमान बहादुर शाह जफर ने उनका साथ दिया।”
महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आजमी के बयान ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ करते हुए कहा कि हमें गलत इतिहास पढ़ाया गया है। उनका दावा है कि औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए थे और वह क्रूर शासक नहीं थे।आजमी ने यह भी कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच लड़ाई धार्मिक नहीं, बल्कि सत्ता और संपत्ति के लिए थी। इस बयान पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अन्य नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है।
अबू आजमी के बयान पर सियासी बवाल
अबू आजमी के बयान पर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कड़ा विरोध जताया और कहा,
“अबू आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। उन्होंने उस औरंगजेब की तारीफ की, जिसने छत्रपति संभाजी महाराज को 40 दिनों तक प्रताड़ित किया। ऐसे व्यक्ति को अच्छा कहना महापाप और अपराध है। इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।”
महाराष्ट्र विधानसभा में विरोध और भाजपा-शिवसेना का प्रदर्शन
अबू आजमी के बयान के खिलाफ महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा और शिवसेना विधायकों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों से राज्य में अशांति फैल सकती है और यह ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का प्रयास है।
अबू आजमी पर FIR दर्ज
- लोकसभा सांसद नरेश म्हस्के ने ठाणे में अबू आजमी के खिलाफ FIR दर्ज करवाई।
- वागले एस्टेट पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 299, 302, 356(1) और 356(2) के तहत मामला दर्ज किया गया। इन धाराओं के तहत आरोप लगाया गया है कि अबू आजमी के बयानों ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया।
- शिवसेना समर्थकों ने मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में भी लिखित शिकायत दी और अबू आजमी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
अबू आजमी का बचाव और सफाई
बयान पर विवाद बढ़ने के बाद अबू आजमी ने सफाई देते हुए कहा:
“इसे हिंदू-मुसलमान एंगल न दें। मुगल सम्राट ने मंदिरों के साथ मस्जिदों को भी नष्ट किया। अगर वह सच में हिंदुओं को मुसलमान बनाना चाहते, तो 52 साल के शासन में बहुत बड़ी संख्या में हिंदू परिवर्तित हो चुके होते। यह देश संविधान से चलेगा, मैंने किसी भी हिंदू भाई के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा।”
इस मामले को लेकर महाराष्ट्र में राजनीतिक घमासान तेज हो गया है और आने वाले दिनों में इस पर और बड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है।