
भारत (india) व चीन (china) के सैनिकों के बीच खूनी झड़प (India-China faceoff) के बाद से सेना के शौर्य की हर तरफ चर्चा है। चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब देनी वाली हमारी सेना के बारे में आपको आज हम कुछ खास बातें बताएंगे। आपको जानकारी देंगे कि भारतीय सेना (indian army) में कितनी रेजिमेंट (how many regiments in indian army) हैं और उन्होंने कब-कब दुश्मनों के दांत खट्टे किए थे। शुरुआत कर रहे हैं बिहार रेजिमेंट से जिसने हाल ही में बेअंदाज चीनी सेना को सबक सिखाया था।
1. बिहार रेजिमेंट (Bihar Regiment)
बिहार रेजिमेंट की स्थापना ब्रिटिश भारत में सन 1941 में हुई थी। बिहार रेजिमेंट ने आजादी से पहले बर्मा में हुए युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध में हिस्सा लिया था। इस रेजिमेंट ने आज़ादी के बाद भारत-पाक के बीच हुए सभी युद्धों में हिस्सा लिया है। कारगिल युद्ध में भी बिहार रेजिमेंट ने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे।
2. महार रेजिमेंट (Mahar Regiment)
महार रेजिमेंट की स्थापना भी बिहार रेजीमेंट के साथ ही सन 1941 में हुई थी। अब तक महार रेजिमेंट को एक परमवीर चक्र, 4 महावीर चक्र समेत तमाम पुरस्कार मिल चुके हैं। इस रेजिमेंट में भर्ती देश के सभी हिस्सों से की जाती है।
3. नागा रेजिमेंट (Naga Regiment)
नागा रेजिमेंट देश की सबसे नई रेजिमेंट है। इसकी स्थापना सन 1970 में हुई थी। नागा रेजिमेंट ने अपनी स्थापना के तुरंत बाद ही बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में हिस्सा लिया था। नागा रेजिमेंट के सैनिकों ने कारगिल युद्ध के समय द्रास सेक्टर में भी कमान संभाली थी। नागा रेजिमेंट के खाते में भी तमाम मेडल हैं।
4. मद्रास रेजिमेंट (Madras Regiment)
मद्रास रेजिमेंट को भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजिमेंट में से एक कहा जाता है। सन 1750 में अंग्रेजों ने इस रेजिमेंट की स्थापना की थी। इस रेजिमेंट के नाम भी तमाम मेडल और उपलब्धियां हैं।
5. राजपूत रेजिमेंट (Rajput Regiment)
राजपूत रेजिमेंट का नाम भी सबसे पुरानी रेजिमेंट में शुमार है। सन 1778 में अंग्रेजों ने राजपूत रेजिमेंट का गठन किया था। इस रेजिमेंट के नाम भी तमाम सैन्य पुरस्कार हैं। इस रेजिमेंट की सबसे खास बात यह है कि इसने दोनों विश्वयुद्धों में अंग्रेजों के लिए युद्ध लड़ा था। भारत-पाक बंटवारे के तुरंत बाद पाकिस्तान से भी इसी रेजिमेंट ने लोहा लिया था। भारत-चीन युद्ध में भी इस रेजीमेंट ने अदम्य साहस का परिचय दिया था। राजपूत रेजिमेंट ने ही सन 1965 में पाकिस्तान को नाकों चने चबवा दिए थे। सन 1971 की लड़ाई में तो पाकिस्तानी इस रेजिमेंट के सामने आने से कतराते थे। कारगिल युद्ध के समय राजपूत रेजिमेंट ने ‘तोलोइंग’ जैसे सबसे महत्वपूर्ण प्वाइंट पर कब्ज़ा किया था।
6. जाट रेजिमेंट (Jat Regiment)
भारतीय सेना की इस रेजिमेंट को अंग्रेजों ने सन 1795 में गठित किया था। जाट रेजिमेंट को अपनी बहादुरी और शौर्य के लिए कई युद्ध सम्मानों से भी नवाज़ा जा चुका है। जाट रेजिमेंट को दो विक्टोरिया क्रॉस, दो अशोक चक्र, आठ महावीर चक्र, आठ कीर्ति चक्र, 32 शौर्य चक्र, 39 वीर चक्र और 170 सेना पदकों से सम्मानित किया जा चुका है।
7. सिख रेजिमेंट (Sikh Regiment)
भारतीय सेना की सिख रेजिमेंट की स्थापना 1846 में हुई थी। सिख रेजीमेंट में 19 बटालियन हैं। सिख रेजिमेंट का एक अलग ही स्लोगन है। ‘अपनी जीत करो’ के नारे के साथ यह रेजिमेंट आगे बढ़ती है। जब भारत में ब्रिटिश सरकार थी, उन दौरान तमाम महत्वपूर्ण मोर्चों पर सिख रेजिमेंट ने अपनी जीत दर्ज कराई थी। इस रेजिमेंट ने भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान ‘कारगिल’ के समय टाइगर हिल पर कब्जा जमाया था।
8. डोगरा रेजिमेंट (Dogra Regiment)
भारतीय सेना के इस रेजिमेंट को भी अंग्रेजों ने 1877 में गठित किया था। इस रेजिमेंट ने पाकिस्तान की सेना को एक बार नहीं बल्कि कई बार धूल चटाई है। भारतीय सेना में डोगरा रेजिमेंट को देश की सबसे खतरनाक रेजिमेंट में गिना जाता है।
9. कुमायूं रेजिमेंट (Kumaon Regiment)
भारतीय सेना की इस रेजिमेंट की स्थापना अंग्रेजों ने सन 1813 में की थी। कुमायूं रेजिमेंट 2 परम वीर चक्र, 4 अशोक चक्र, 10 महावीर चक्र, 6 कीर्ति चक्र समेत तमाम पुरस्कार अपने नाम कर चुकी हैं। इसी रेजिमेंट के लोग दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध के मैदान सियाचिन ग्लेशियर में तैनात हैं।
10. असम रेजिमेंट (Assam Regiment)
भारतीय सेना की इस रेजिमेंट की स्थापना 15 जून 1941 को हुई थी। इस रेजिमेंट में खासतौर पर नॉर्थ-ईस्ट से सिपाहियों की भर्ती की जाती है। असम रेजिमेंट ने ही चीन हमले के साथ-साथ बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था।
11. पैराशूट रेजिमेंट (Parachute Regiment)
भारतीय सेना की इस खास रेजिमेंट की स्थापना आज़ादी से पहले 1941 में हुई थी। इस रेजिमेंट का मुख्य काम देश के सभी सैन्य बलों को हवाई मदद पहुंचाना है। कारगिल युद्ध के समय 10 में से 9 पैराशूट बटालियन की तैनाती ऑपरेशन विजय के अंतर्गत की गई थी। कारगिल युद्ध में पैराशूट बटालियन 6 और 7 ने मुश्कोह घाटी को फतेह किया और साथ ही पैराशूट बटालिन 5 ने बाटालिक प्वाइंट पर फतेह हासिल की थी।
12. मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री रेजिमेंट (Mechanised Infantry Regiment)
भारतीय सेना की इस रेजिमेंट की स्थापना 1979 में हुई थी। मैकेनाइज्ड इंफ्रेंटी रेजिमेंट की स्थापना भारतीय सेना की एक जरूरत थी। भारत-पाकिस्तान युद्ध 1965 के बाद भारतीय सेना को मैकेनाइज्ड इंफ्रेंटी रेजीमेंट की शिद्दत से ज़रूरत महसूस हुई थी। इसके बाद इस रेजीमेंट की आधारशिला रखी गई। मैकेनाइज्ड इंफ्रेंटी रेजिमेंट अब तक ऑपरेशन ‘पवन’ के तहत श्रीलंका, ऑपरेशन ‘रक्षक’ के तहत पंजाब और जम्मू-कश्मीर, ऑपरेशन ‘विजय’ के तहत जम्मू-कश्मीर में अपना जौहर दिखा चुकी है। यह रेजिमेंट संयुक्त राष्ट्र शांति कार्यक्रमों में सोमालिया, कांगो, एंगोला और सिएरा लियोन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी है।
13. पंजाब रेजिमेंट (Punjab Regiment)
भारतीय सेना में पंजाब रेजिमेंट भारत के सबसे पुराने फौजी रेजिमेंट में से है। भारत पाकिस्तान बंटवारे के समय पंजाब रेजिमेंट का भी बंटवारा हो गया था। इस रेजिमेंट का पहला हिस्सा पाकिस्तान को मिला, तो दूसरी बटालियन भारत को मिली। इस रेजिमेंट का मुख्य काम विदेशों में शांति कार्यक्रमों में सक्रिय रहना है। विश्व ने ‘लोगेंवाला’ की लड़ाई में पंजाब रेजीमेंट का जौहर देखा था। ऑपरेशन ‘ब्लूस्टार’ के समय बगावत की वजह से 122 अधिकारियों के कोर्ट मार्शल होने जैसी भारतीय सेना के इतिहास की सबसे बड़ी घटना भी पंजाब रेजीमेंट में हुई थी।