23 साल की इस भारतीय पायलट ने रचा इतिहास, बनीं पहली महिला सोलो पायलट
महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी उपलब्धियां दर्ज करा रही हैं। उन्होंने अपने काम से पुरुष प्रधान समाज को कड़ी टक्कर दी है। अब 23 साल की मुंबई निवासी आरोही पंडित ने इतनी कम उम्र की अटलांटिक महासागर के ऊपर से अकेले उड़ान भरकर एक मिसाल पेश की है। आरोही ने कनाडा के नुनावुट में इकालिट एयरपोर्ट पर अपनी उड़ान लैंड कर इतिहास रच दिया है। वह लाइट स्पोर्ट एयरक्राफ्ट (एलएसए) से अटलांटिक महासागर पार करने वाली दुनिया की पहली महिला बन गई है। उन्होंने इस दौरान करीब 3000 किलोमीटर की यात्रा की है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
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रिकॉर्ड बनाने के लिए ली कड़ी ट्रेनिंग
आरोही ने यह कीर्तिमान स्थापित करने के लिए हल्के स्पोर्ट एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया है। अब वह दुनिया की पहली महिला पायलट बन गई हैं। उन्होंने इसके लिए 07 महीने की कठिन ट्रेनिंग ली थी। जिसके बाद आरोही ने बुरे मौसम में अटलांटिक महासागर के ऊपर उड़ान भरकर अपने आपको इस रिकॉर्ड के लिए तैयार किया। उन्होंने बॉम्बे फ्लाइंट क्लब से ट्रेनिंग ली थी। आरोही ने यह रिकॉर्ड बनाने के लिए स्कॉटलैंड के कनाडा के इकालुट तक के लिए उड़ान भरी थी। अपनी उड़ान के दौरान वह आइसलैंड और ग्रीनलैंड से भी गुजरी थीं।
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अकेले की 3000 किमी की यात्रा
अपनी यात्रा के दौरान आरोही ने पूरे अटलांटिक महासागर को कवर किया था। इस यात्रा के दौरान उनके साथ और कोई भी नहीं था। उन्होंने अकेले ही पूरे एयरक्राफ्ट को नियंत्रित किया था। अब वह ग्रीनलैंड आइसकैप के ऊपर उड़ान भरने वाली पहली महिला सोलो फ्लाइट पायलट का खिताब हासिल कर चुकी हैं। उनके एयरक्राफ्ट का नाम माही था। जो एक छोटे और सिंगल इंजन वाला एयरक्राफ्ट है। इसका वजन एक बुलेट मोटरसाइकिल के बराबर होता है। हल्का होने के कारण यह एयरक्राफ्ट आसानी से उड़ान भर सकता है।
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